Dev Deepawali 2024: वाराणसी में देव दीपावली के मौके पर 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित, जानें क्यों
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 13, 2024 12:09 IST2024-11-13T12:08:48+5:302024-11-13T12:09:08+5:30
Dev Deepawali 2024:लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह उत्सव 15 नवंबर को मनाया जाएगा। नो-फ्लाई जोन एक सुरक्षा उपाय है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि 15 नवंबर को देव दीपावली उत्सव से पहले वाराणसी को नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है।

Dev Deepawali 2024: वाराणसी में देव दीपावली के मौके पर 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित, जानें क्यों
Dev Deepawali 2024:उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में विश्वप्रसिद्ध देव दीपावली पर्व को देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत पूरे शहर को "नो फ्लाई जोन" घोषित किया है। अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), कमिश्नरेट वाराणसी ने एक आदेश जारी करते हुए 12 नवंबर को मध्यरात्रि से 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक पूरे शहर को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया है। आदेश में कहा गया है कि देव दीपावली पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं, स्थानीय निवासियों और विभिन्न विशिष्ट अतिथियों के आगमन के कारण सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
आदेश के अनुसार, इस अवसर पर भीड़भाड़ और विशिष्ट अतिथियों के भ्रमण की स्थिति को देखते हुए बिना अनुमति के ड्रोन, पतंग, गुब्बारा, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स एयरक्राफ्ट और पैराग्लाइडर के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम इस संभावना को ध्यान में रखकर उठाया गया है कि इन वस्तुओं का प्रयोग सुरक्षा में बाधा डाल सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) शिवसिम्पी चन्नप्पा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की मौजूदा धारा 163 के तहत प्रतिबंध 12 नवंबर को रात 12 बजे से लागू हो गए हैं और 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेंगे। निर्देश में त्योहार के लिए लाखों भक्तों, स्थानीय निवासियों और विभिन्न वीआईपी के आने की उम्मीद के कारण मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के महत्व पर ध्यान दिया गया है।
निर्देश में कहा गया है, "भीड़ और गणमान्य व्यक्तियों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए, बिना पूर्व अनुमति के ड्रोन, पतंग, गुब्बारे, रिमोट से संचालित माइक्रोलाइट विमान और पैराग्लाइडर का उपयोग सख्त वर्जित है। इस एहतियाती उपाय को ऐसी हवाई वस्तुओं से जुड़े किसी भी संभावित सुरक्षा जोखिम को कम करने के लिए लागू किया गया है।"
परंपरा के अनुसार, देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक महीने की पूर्णिमा की रात को मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान शिव की दुर्जेय राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय का प्रतीक है।