अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से भाजपा को उम्मीदवार की तलाश, विरोधी दलों में भी चल रही तांक झांक...आखिर क्या है प्लान?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 16, 2023 01:34 PM2023-07-16T13:34:48+5:302023-07-16T13:38:19+5:30
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले से भारतीय जनता पार्टी नए उम्मीदवार की तलाश में है। इसके लिए पार्टी विरोधी दलों पर भी नजर बनाए हुए है। यहां भाजपा को 2014 में तो जीत मिली थी लेकिन 2019 में यह सीट उसके हाथ से निकल गई थी।
त्रियुग नारायण तिवारी
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तैयारियां अंदर अंदर तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले से भारतीय जनता पार्टी नए उम्मीदवार की तलाश में है। अंबेडकर नगर सीट पर वर्ष 20 14 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार चुना गया था जिनका 2019 में टिकट काट दिया गया था। भाजपा को तब पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
अंबेडकर नगर जिले को भारतीय जनता पार्टी के नेता खुद सूखाक्षेत्र बताते हैं। अंबेडकर नगर में पांचों विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। भाजपा नए उम्मीदवार के लिए विपक्षी दलों में भी ताक झांक कर रही है।
कुर्मी बिरादरी के उम्मीदवार को उतारना चाहती है भाजपा!
सूत्रों का कहना है कि भाजपा कुर्मी बिरादरी के किसी उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है। उम्मीदवार के लिए अंबेडकरनगर के मूलनिवासी एक वर्तमान सांसद बहुजन समाज पार्टी में हैं जो भाजपा में प्रवेश लेकर अंबेडकर नगर से चुनाव लेना चाहते हैं। इन नेताजी का भाजपा के कुछ नेताओं से संपर्क भी हो चुका है।
इन दिनों अंबेडकर नगर जिले में नेताजी काफी सक्रिय भी हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी में विधानसभा में एक कद्दावर विधायक कुर्मी बिरादरी से हैं जिन पर भी भाजपा के बड़े नेता समय-समय पर डोरा डाल रहे हैं।
इन नेता जी से संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि पूरा जीवन विपक्ष में बीता है अब मैं भाजपा में नहीं जा सकता हूं और वह मेरी विचारधारा के खिलाफ पार्टी है। इसके अलावा भाजपा हर हालत में इस सीट पर कब्जा करना चाहती है। इसलिए एक विधायक राकेश पांडेय हैं जो बड़े व्यवसाई और पैसे वाले हैं उन पर भी दूर से डोरा डाला जा रहा है।
रितेश पांडेय क्या बदलेंगे पाला?
वर्तमान अंबेडकरनगर के सांसद रितेश पांडेय उनके पुत्र हैं वह भी अब बसपा से चुनाव न लड़कर भाजपा या सपा से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी ने कटेहरी के विधायक लालजी वर्मा को हरी झंडी चुनाव लड़ने के लिए दे रखी है और रितेश पांडेय को बगल की किसी सीट से लड़ने का ऑफर दिया है।
ऐसे में रितेश पांडेय ने क्षेत्र में जनसंपर्क बिना किसी झंडे और बैनर के साथ कर रहे हैं और वह खुद अथवा उनके परिवार का कोई व्यक्ति लोकसभा का चुनाव लड़ेगा। दल बाद में सुनिश्चित होगा। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि अंबेडकर नगर सीट जीतने के लिए पार्टी संगठन में भी बदलाव किया जा रहा है।
प्रदेश से पर्यवेक्षक अंबेडकरनगर आकर पूरे हालातों का अध्ययन करके लौट चुके हैं और कभी भी नया अध्यक्ष घोषित हो सकता है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी अंबेडकर नगर जिले से कुर्मी बिरादरी के किसी स्थानीय नेता को चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसी स्थिति में पार्टी पूर्व जिला अध्यक्ष शिव नायक वर्मा पर भी दांव लगा सकती है।
पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार पर भी पार्टी लगा सकती है दांव
शिव नायक वर्मा इन दिनों पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष हैं। अंबेडकर नगर लोक सभा पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इलाका होने के नाते भाजपा भी किसी पिछड़े वर्ग को भी उम्मीदवार बना सकती है। पिछले चुनाव में बहराइच के पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था जो कामयाब तो नहीं हुए परंतु पर्याप्त वोट हासिल कर चुके हैं।
पार्टी में अयोध्या जनपद में भी काफी चहल-पहल बढ़ गई है। पार्टी पर्यवेक्षक ओम प्रकाश श्रीवास्तव अयोध्या आकर कार्यकर्ताओं की राय ले चुके हैं और यहां भी जल्द ही नया जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष घोषित होना है। फैजाबाद अयोध्या लोकसभा से सांसद लल्लू सिंह इन दिनों सांसद हैं परंतु उनके साथ पार्टी के तीनों विधायक जिला पंचायत अध्यक्षा नहीं है और यह सब मिलकर जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह के पति और रोहित सिंह को उम्मीदवार बनाकर अयोध्या से लेकर दिल्ली तक टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं।
पार्टी में मचे इस घमासान से पार्टी संगठन में चिंता की लकीर खड़ी हो रही है। सांसद लल्लू सिंह की पकड़ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में मजबूत बताई जाती है और वह 25 साल विधायक और 10 साल सांसद भी रह चुके हैं। अभी भाजपा की आयु सीमा को भी उन्होंने क्रॉस नहीं किए हैं। आमजन में उनकी सरलता सहजता और मिलन शीलता कि लोग प्रशंसा करते हैं। भाजपा के सूत्र कहते हैं कि अयोध्या लोकसभा क्षेत्र से पार्टी का कोई बिग गन नेता चुनाव लड़ेगा यह कौन होगा यह सब भविष्य के गर्भ में है। आगामी लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण कराए जाने का मुद्दा अहम मुद्दा बनेगा ऐसी स्थिति में इन संभावनाओं से नकारा नहीं जा सकता।