काशी के बाद अब मथुरा की बारी! शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ASI सर्वे कराने से जुड़ी याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 23 अगस्त को होगी सुनवाई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 7, 2023 04:33 PM2023-08-07T16:33:36+5:302023-08-07T16:35:26+5:30

जनहित याचिका में प्रार्थना की गई है कि मंदिर की जमीन हिंदुओं को सौंप दी जानी चाहिए और उक्त भूमि पर मंदिर बनाने के लिए कृष्ण जन्मभूमि जन्मस्थान के लिए एक उचित ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए।

Allahabad HC To Hear PIL Seeking Removal Of Mathura's Idgah Mosque | काशी के बाद अब मथुरा की बारी! शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ASI सर्वे कराने से जुड़ी याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 23 अगस्त को होगी सुनवाई

शाही ईदगाह मस्जिद स्थल से जुड़ी याचिका पर होगी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई

Highlightsशाही ईदगाह मस्जिद स्थल से जुड़ी याचिका पर होगी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाईमस्जिद स्थल को कृष्ण जन्म भूमि के रूप में मान्यता देने की मांग की गई हैइलाहाबाद उच्च न्यायालय 23 अगस्त को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय 23 अगस्त को       स्थल को कृष्ण जन्म भूमि के रूप में मान्यता देने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। अधिवक्ता महक माहेश्वरी द्वारा 2020 में दायर की गई यह जनहित याचिका पहले जनवरी 2021 में डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दी गई थी, हालांकि, मार्च 2022 में इसे बहाल कर दिया गया था। याचिका में ईदगाह मस्जिद की एएसआई द्वारा खुदाई करा के सच सामने लाने की सिफारिश भी की गई है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 7 अगस्त, सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता महक माहेश्वरी द्वारा मामले का उल्लेख किया गया। लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े होने के कारण अदालत माहेश्वरी को स्पष्ट रूप से सुनने में असमर्थ रही, और मामले को 23 अगस्त को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।

बता दें कि जनहित याचिका में प्रार्थना की गई है कि मंदिर की जमीन हिंदुओं को सौंप दी जानी चाहिए और उक्त भूमि पर मंदिर बनाने के लिए कृष्ण जन्मभूमि जन्मस्थान के लिए एक उचित ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए। न्यायालय से याचिका का निपटारा होने तक हिंदुओं को सप्ताह में कुछ दिन और जन्माष्टमी के दिन मस्जिद में पूजा करने की अनुमति मांगी गई है।

लाइव लॉ के अनुसार, याचिका में यह भी कहा गया है कि भगवान कृष्ण का जन्म राजा कंस के करागर में हुआ था और उनका जन्म स्थान शाही ईदगाह ट्रस्ट द्वारा निर्मित वर्तमान संरचना के नीचे है। बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि 1968 में, सोसायटी श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति के साथ एक समझौता किया, जिसमें देवता की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा बाद में दे दिया गया।

ऐसे ही एक मामले में इस समय वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भी एएसआई का सर्वे चल रहा है। अब मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के लेकर भी सरगर्मी बढ़ने की उम्मीद है। 

Web Title: Allahabad HC To Hear PIL Seeking Removal Of Mathura's Idgah Mosque

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