पिछले महीने ट्रायल रन के दौरान पथराव के कारण क्षतिग्रस्त होने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) या ट्रेन 18 (Train 18) का मेकओवर हो रहा है। दूसरी ट्रेन अप्रैल के मध्य तक चालू होने वाली है। नई ट्रेन 18 में खिड़की पर मजबूत शीशे कैटल गार्ड्स लगेंगे।
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, नई ट्रेन के सभी 16 कोच लगभग तैयार हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि जब तक पटरियों के किनारे बाड़ लगाने का काम पूरा नहीं हो जाता है, तब तक ट्रसपासिंग एक समस्या बनी रहेगी। हालांकि, नई ट्रेन 18 इस महीने यानी 31 मार्च को ही शुरू होनी थी।
बताया जा रहा है कि ट्रायल के दौरान ट्रेन पर हुए पथराव को देखते हुए खिड़कियों पर ज्यादा काम किया गया है। बताया जा रहा है कि खिड़कियों पर विनाइल कोटेड शीट लगाई गई हैं ताकि उपद्रवियों द्वारा पत्थर फेंके जाने पर ट्रेन को कोई नुकसान न हो।
ट्रेन 18 को चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में डिज़ाइन किया गया था और इसे भारत की सबसे तेज़ ट्रेनों में से एक माना जाता है। वाराणसी-दिल्ली नॉन-कमर्शियल रन के दौरान, इस ट्रेन पर पथराव हुआ था जिससे कोच के सामने के हिस्से को नुकसान हुआ था।
चूंकि ट्रेन तेज गति से चलती है, इसलिए खिड़की को मजबूत करने की आवश्यकता थी। ताकि विपरीत दिशा से आने वाली किसी भी ठोस सामग्री से बचा जा सके। ट्रेन 18 एक स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन है, जिसने सभी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन 18 में सभी सुख-सुविधाएं हैं, और यह व्यस्त है, जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है।