भारत के 5 सबसे मशहूर भूतिया टाउन, अच्छे-अच्छों की भी नहीं होती जाने की हिम्मत
By धीरज पाल | Published: January 19, 2018 03:49 PM2018-01-19T15:49:39+5:302018-01-19T16:48:00+5:30
राजस्थान के कुलधारा गांव से लेकर गुजरात का लखपत गांव भी है इस लिस्ट में शामिल, जानें इनके पीछे की कहानियों के बारे में।
जरा सोचिए रात के अंधेरे में सोते हुए आपको बाहर कुछ अजीबों-गरीब अवाजें सुनाई दे तो उस समय आपकी स्थिति क्या होगी? अचानक आसपास अंधेरा हो जाए और आपको लगे कि आपके पीछे कोई खड़ा है, तो कैसा महसूस करेंगे? जाहिर है उस समय पैरों तले जमीन खिसक जाएगी और मुंह से एक लफ्ज़ नहीं निकलेगा... कुछ ऐसे ही डर को भारत के इन पांच गांवों में महसूस किया जा सकता है। जी हां, ये पांच ऐसे गांव हैं जहां दिन में भी जाने से इंसान के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इन गांवों के पीछे कई अफवाहें फैंली हैं जो यह बतलाती है कि किसी जमाने में यहां इंसनों के बाद भूतों ने जगह अपने नाम कर ली। जहां लोग दिन में भी से डरती है।
भानगढ़, राजस्थान
राजस्थान के अलवर में स्थित भानगढ़ किला को भूतों का किला भी कहा जाता है। यह भारत के सबसे भूतिया जगहों में से एक है। माना जाता है कि वीरान पड़ी यह जगह किसी जमाने में खूब फलता रहा लेकिन एक घटना के बाद यह जगह भूतिया जगह में तब्दील हो गया। ऐसा क्या हो गया कि आज भी लोग यहां जाने से डरते हैं और कहते हैं कि यह जगह अब भूतों का डेरा बन गया है। दरअसल इसके पीछे एक कहानी काफी प्रचलित है।
कहा जाता है कि भानगढ़ कि राजकुमारी रत्नावती बेहद ही खूबसूरत थीं। जब वह 18 साल की हुई थी तभी से विवाह के लिए कई राज्यों से प्रस्ताव आने लगे। एक बार एक राजकुमारी इत्र लेने गई थी तभी एक सिंधु नामक व्यक्ति ने राजकुमारी पर दिल आ गया। उससे राजकुमारी को अपने वश में करने के लिए इत्र में काला जादू किया ताकि राजकुमारी उसकी वश में हो जाए। जब बात राजकुमारी को पता चला कि तो तो उसने इत्र के बोतल को एक पत्थर पर दे पटका और पत्थर वहां बैठे एक तांत्रिक को लग गया। तभी तांत्रिक ने शाप दिया कि जल्द ही इस महल के सारे मनुष्य की मौत हो जाएगी। तभी से इस महल में भूतों का वाश हो गया है। लोगों के बीच अफवाह है कि यहां की रानी को लोगों ने देखा है पर इसका कोई साक्ष्य मौजूद है।
धनुषकोडी, रामेश्वरम
धनुषकोडी टाउन भारत और श्रीलंका के बॉर्डर पर बसा है। भारत में स्थित होने के बावजूद इस गांव से आपको पड़ोसी मुल्क श्रीलंका की झलक आसानी से दिख जाती है। यह गावं तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले में स्थित है। गांव किसी जमाने में लोगों के हलचलों से भरा रहता था, लेकिन 1964 में आए चक्रवात ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। यह स्थल श्रीराम से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि शाम के बाद यहां कोई नहीं आता है। कहते हैं कि यहां शाम को अजीबों-गरीब अवाजें सुनाई देती है। हालांकि इसका कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है।
रॉस आइसलैंड, अंडमान निकोबार
किसी जमाने में रॉस आइसलैंड का इस्तेमाल ब्रिटिश कर रहा था। 1940 में भुकंप के बाद यह जगह बर्बाद हो गया। इसके बाद से अंग्रेजों ने यहां से छोड़ दिया। तब से यहां इंसानों के अलावा पशु-पक्षियों हिरण, मोर और अन्य वन्यजीवों का स्थान रह गया। द्वीप काफी सुंदर नजारा पेश करने के साथ यह काफी शांत जगह है। इसके दूसरे हिस्से में काफी पुराने पेड़ों की जड़ें और जंगले जिन्हें देख मन में डर के अलावा कुछ नहीं सुझता। इस द्वीप पर अंग्रेजों के छोड़े हुए क्वार्टर, जंग लगी मशीनें और पुरानी चर्च देखने को मिलेंगे। कहा जाता है कि यह टाउन आम लोगों के लिए खतरा है शाम के बाद यहां आवाजाही बंद हो जाता है।
लखपत विलेज, गुजरात
यह भारत का भूतिया टाउन है जो कम प्रचलित है। इस शहर का नाम राव लाखा के नाम पर है जिन्होंने 13वीं शताब्दी के मध्य सिंध में शासन किया था। यहां से पाकिस्तान का नजारा आसानी से दिख सकता है। किसी जमाने में यह गुजरात के सबसे बड़ी और सबसे अमीर बस्तियों के रूप में हुआर करता था। यहां स्थित एक किले की दीवारों के अंदर 15,000 से ज्यादा लोग रहते थे, अब यहां केवल 566 लोग बचे हैं।
कुलधारा, राजस्थान
कुलधारा को भारत देश के सबसे भुतिया गांवों में से एक माना जाता है। कुलधारा जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जो एक छोटा सा गांव है। कहा जाता है कि सन् 1291 के आसपास रईस और मेहनती पालीवा ब्राह्माणों ने 600 घरों वाले इस गांव को बसाया था। कुलधारा के आसपास लगभग 84 गांव बसे थे और इन सभी में पालीवाल ब्राह्मण ही रहा करते थे। एक घटना ऐसी घटी की हंसते-खेलते 84 गांव के लोग अचानक एक रात में अपना घर, मकान, खेती सब कुछ छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गए। तभी से कहा जाता है कि यहां बुरी आत्माओं का निवास है।