भारत के ये पांच कुंड जहां का पानी कभी ठंडा नहीं होता!
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 23, 2017 05:57 PM2017-12-23T17:57:38+5:302017-12-23T18:12:20+5:30
भारत के इन कुंडों में आज भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है ये कुंड भारत की विविधता को दर्शाते हैं और धर्म के प्रति आस्था जगाते हैं।
इस वक्त भारत के कई हिस्सों में जमकर सर्दियां पड़ रही है। इस मौसम में लोग गरम पानी के लिए तरस जाते हैं। भारत के कोने-कोने में ऐसे कई कुंड हैं जहां का पानी गर्म रहता हैं। इन कुंडों को कुदरत का करिश्मा कह लो या विज्ञान का चमत्कार। राजगीर का कुंड हो या हिमाचल प्रदेश का मणिकर्ण ये भारत के ऐसे कुंड है जो भारत की विविधता को दर्शाते हैं और धर्म के प्रति आस्था जगाते हैं। भारत के ये पांच कुंड जो अपनी मान्यता और परंपरा के लिए जाने जाते हैं। जहां आपको जाना चाहिए।
भगवान ब्रह्मा ने करवाया था राजगीर के जल कुंड का निर्माण!
पटना में स्थित राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। राजगीर धार्मिक स्थलों के लिए विख्यात है। यहां एक जल कुंड स्थित है जिसका पानी हमेशा गर्म रहता है। इस कुंड के पीछे कई पौराणिक कहानियां प्रचलित है। इन कहानियों में से एक कहानी के मुताबिक भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया। इसी दौरान आए सभी देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में परेशानी होने लगी।
ब्रह्मा जी ने तब यहां 22 कुंड और 52 जलधाराओं का निर्माण कराया। वैभारगिरी पर्वत की सीढ़ियों पर मंदिरों के बीच गर्म जल के कई झरने हैं, जहां सप्तकर्णी गुफाओं से जल आता है। इस पर्वत में कई तरह के केमिकल्स जैसे सोडियम, गंधक, सल्फर हैं। इसकी वजह से जल गर्म और रोग को मिटाने वाला होता है। यहां पर आप 22 कुंडों में स्नान कर सकते हैं।
इन कुंडों में ब्रह्मकुंड सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसका तापमान 45 डिग्री सेल्सियस होता है। इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है। सभी झरनों में स्नान करने के बाद इस कुंड में भी लोग स्नान करते हैं। यहां स्थित एक कुंड का नाम राम-लक्ष्मण कुंड है जिसकी धारा से ठंडा और दूसरे से गर्म पानी निकलता है।
सारे पाप धोता है तो आएं पश्चिम बंगाल के बकरेश्वर जल कुंड
बकरेश्वर, पश्चिम बंगाल का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इसकी पश्चिम बंगाल के भ्रमण स्थलों में एक अलग पहचान है, क्योंकि यहां गर्म पानी के 10 कुंड स्थित है। इसके आसपास 10 ऐसे कुंड है जिनका पानी भी गरम है। जिसमें सबसे गर्म कुण्ड अग्नि कुण्ड है। जिसका तापमान 67 डिग्री सेल्सियस रहता है।
चमत्कारों से भरा है मणिकर्ण कुंड
इस वक्त हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे ठंडे प्रदेश में एक है। इस जगह का नाम मां पार्वती के नाम पड़ा है। कुल्लू से 45 की दूरी पर स्थित है मणिकर्ण। यहां मणिकर्ण कुंड है, जहां का पानी एकदम गर्म रहता है। इतने बर्फ पड़ने के बावजूद यहां का पानी गर्म रहता है जाम आप आसानी से नहाया जा सकता है। यहां के जल में अधिक मात्रा में सल्फर, यूरेनियम व अन्य रेडियोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। इस पानी का तापमान बहुत अधिक है। यह स्थान हिंदू व सिखों के लिए आस्था का केंद्र है। वादियों के बीच में बसे इस कुंड का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगता है।
माना जाता है कि सिखों के पहले गुरु नानक देव अपने साथी मर्दाना के साथ यहां आए थे। यह गुरुद्वारा उन्हीं की याद में बना है। यहां एक प्रसिद्ध राम मंदिर है। आप कुल्लू से बस या टैक्सी के जरिए मणिकर्ण पहुंच सकते हैं।
अत्रि कुंड में नहाने से होते है सारे दर्द दूर!
यह कुंड ओडिशा के अत्रि में स्थित है। जिसका तापमान हमेशा 55 डिग्री रहता है। कहा जाता है कि यह कुंड सल्फर युक्त होने के कारण यहां स्थान करने के लिए अत्यधिक लोग आते हैं ताकि उनकी थकान मिट सके। माना जाता है कि ऋषि अत्रि ने इस कुंड का निर्माण किया था।इसके अलावा अत्रि जाएं तो वहां के हाटकेश्वर मंदिर के दर्शन करना न भूलें।
पौराणिक स्थल में से एक है तुलसी श्याम कुंड
तुलसी श्याम कुण्ड, जूनागढ़ से 65 किलो मीटर की दुरी पर स्थित है। यहां पर गर्म पानी के तीन कुण्ड है। इनकी खासियत यह है की तीनो में अलग-अलग तापमान का पानी रहता है। कुंड के आसपास कई सारे मंदिर स्थापित हैं। इनमें से 700 साल पुरानी रुकमणि देवी का एक मंदिर है। इसके अलावा गुजरात के टुवा टिम्बा में भी गर्म पानी के कुण्ड है।