पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
पितृपक्ष शुरू हो चुका है और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ...
गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पूजन से संतुष्ट होकर पितर मनुष्यों के लिए आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, वैभव, पशु, सुख, धन और धान्य देते हैं। ...
पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध कहते हैं तथा तृप्त करने की क्रिया और देवताओं, ऋषियों या पितरों को तंडुल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं। ...
श्राद्ध के जरिए पितरों की तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है और पिंड दान व तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की जाती है। श्राद्ध से जो भी कुछ देने का हम संकल्प लेते हैं, वह सब कुछ उन पूर्वजों को अवश्य प्राप्त होता है। ...
श्रद्धा से किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है। अपने पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध कहते हैं। उन्हें तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कहा जाता है। तर्पण करना ही पिंडदान करना है। ...
भाद्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि से हर साल पितृ पक्ष का आरंभ होता है। इस वर्ष भी पितृ पक्ष ( श्राद्ध पक्ष ) 2 सितंबर से शुरू हो रहा है। पूर्णिमा श्राद्ध 2 सितंबर को होगा लेकिन पितृपक्ष के सभी श्राद्ध 3 सितंबर से ही आरंभ होंगे जो 17 सितंबर विसर्जन तक चलेंगे। ...
Mahalaya & Pitru Amavasya: इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि याद नहीं। इसके अलावा इस दिन ऐसे पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है जो ऐसे पितृ जिनके मरने की तिथि अज्ञात है या वह सालों से लापता हैं और उनके जिंदा होने की कोई उम्मीद भी नही ...
Shradh Amavasya (पितृपक्ष अमावस्या ) 2019: श्राद्ध अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पितर धरती से विदाई ले लेते हैं। अमावस्या के दिन सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों के लिए श्राद्ध करने की परंपरा है। यह महालया का भी दिन होगा। ...