जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ल और महबूबा मुफ्ती पर बृहस्पतिवार रात को जन सुरक्षा अधिनियम लगा दिया गया। महज कुछ घंटे बाद छह महीने की उनकी हिरासत खत्म होने वाली थी। ...
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत दो प्रावधान हैं- लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। ...
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी इस सदन के बुजुर्ग सदस्य फारूक अब्दुल्ला के हिरासत में रहने के मद्देनजर उनकी सेहत, उनकी आयु पर चर्चा हुई थी। ...
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा नेताओं को छोड़ अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्त्ताओं को हिरासत में लेकर संटूर होटल में रखा गया था। इनमें तीन पूर ...
उमर अब्दुल्ला भूतपूर्व जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है। ...
उमर अब्दुल्ला को साल 2019 के 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है। ...
बनर्जी ने ट्वीट किया, “मैं इस तस्वीर में उमर को नहीं पहचान सकी। मुझे दुख हो रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हमारे लोकतांत्रिक देश में हो रहा है। यह कब खत्म होगा।” ...