नवरात्रि यानी 'नौ-रात'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है-चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं, जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है। Read More
Chaitra Navratri 2020: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार 25 मार्च से होने जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन हिंदुओं का नया साल भी शुरू होता है। चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि मान्यताओं के अनुसार इसी नवमी के दिन भगवान राम का धरती ...
नवरात्र के शुरुआत में ही घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है जो इस दौरान बुझनी नहीं चाहिए। इसकी विधि विधान से पूजा की जाती है। घट स्थापना के बाद ही भक्त उपवास का प्रण करता है और उपवास रखता है। घट स्थापना का शु ...
ज्योतिषों के अनुसार इस साल नवरात्रि के समय कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस साल चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरु हो रही है. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रही है और 25 मार्च को दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी. 24 तारीख को दोप ...
25 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. आम तौर पर हम दो नवरात्रि की ही बात करते हैं और उसके बारे में जानते हैं। हालांकि, हिंदू मान्यताओं में 4 नवरात्र का जिक्र है। दरअसल, शारदीय और चैत्र नवरात्रि के अलावा साल में जो दो अन्य नवरात्रि पड़ते ...
नवरात्रि में पहले दिन से लेकर पूरे नौ दिनों तक जौ बोने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये परंपरा क्यों चली आ रही है? इसकी पीछे की वजह क्या है? नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना में जौ का खास महत्व माना जाता है। ...
दुर्गा पूजा का पर्व भारत में पूरे धूम धाम से मनाया जाता है. नवरात्री और दुर्गा पूजा के दसवे दिन यानी विजय दशमी को पंडालो में सुहागिन महिलाये दुर्गा माँ को सिन्दूर अर्पित करती है. साथ ही पान और मिठाई का भोग लगाती है. इसके बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती ...
नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। व्रत के बाद आठवें दिन कन्या पूजन का विधान है। माना जाता है कि मां दूर्गा होम और दान से इतनी प्रसन्न नहीं होती जितनी कन्या पूजन से होती हैं। ...