भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
मोहन भागवत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना भी की। ...
पार्टी ने कहा, ‘‘ये सभी प्रमुख हस्तियां हैं और कला, संस्कृति और शिक्षण के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं। अति उत्साही वकील की याचिका पर अदालत की ओर की गई कार्यवाही राज्य और सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की सार्वजनिक अलोचना को लगभग प्रतिबंध ...
बेनेगल ने कहा, ‘‘ यह पत्र महज एक अपील था। लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है। यह प्रधानमंत्री से अपील करने वाला पत्र था। यह कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी ...
कर्नाटक के मंगलौर मॉल में पीड़ित को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र था, यहां मुस्लिमों को नहीं आना चाहिए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ...
ग्रामीणों को सूचना मिली कि नदी किनारे गोकशी की जा रही है. सूचना पर आसपास के ग्रामीण एकजुट होकर जैसे ही नदी किनारे पहुंचे तो उन्होंने वहां कुछ लोगों को गोकशी करते हुए देखा. इस पर उग्र भीड़ ने तीन लोगों को पकड़ लिया और जमकर पीटना शुरू कर दिया. ...