पीएम को खुला खत लिखने का मामला: भाकपा ने देशद्रोह मुकदमे का सामना कर रहे 49 हस्तियों के प्रति एकजुटता प्रकट की
By भाषा | Published: October 5, 2019 10:33 PM2019-10-05T22:33:24+5:302019-10-05T22:42:11+5:30
पार्टी ने कहा, ‘‘ये सभी प्रमुख हस्तियां हैं और कला, संस्कृति और शिक्षण के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं। अति उत्साही वकील की याचिका पर अदालत की ओर की गई कार्यवाही राज्य और सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की सार्वजनिक अलोचना को लगभग प्रतिबंधित करती है।’’
भाकपा ने देशद्रोह का कानून खत्म करने की मांग करते हुए शनिवार को 49 हस्तियों के प्रति एकजुटता प्रकट की जिन पर भीड़ हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सचिव रायकुट्टी के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि पार्टी सभी स्तरों पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए मजबूती से खड़ी रही लेकिन इस तरह की परिस्थितियों से यह आशंका पुख्ता होती है कि न्यायिक प्रणाली का इस्तेमाल मौजूदा भाजपा सरकार के आलोचकों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है।
पार्टी ने कहा, ‘‘ये सभी प्रमुख हस्तियां हैं और कला, संस्कृति और शिक्षण के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं। अति उत्साही वकील की याचिका पर अदालत की ओर की गई कार्यवाही राज्य और सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की सार्वजनिक अलोचना को लगभग प्रतिबंधित करती है।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर में अपर्णा सेन, अडूर गोपालकृष्णन और रामचंद्र गुहा सहित इन हस्तियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
भाकपा ने कहा, ‘‘उसकी आशंका की पुष्टि हुई है कि देश तेजी से फासीवादी अधिकनायकवादी सत्ता और दमघोंटू लोकतंत्र की ओर बढ़ रहा है जहां हर जगह नियंत्रण और राजनीतिक विरोधियों को सारहीन एवं झूठे मुकदमे के आधार पर जेल में डाला जा रहा है और जमानत लगातार खारिज की जा रही है।’’ भाकपा ने दावा किया कि कुछ वकील खुद राज्य के दमन में हिस्सेदार बन रहे हैं।