चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण में 8 घंटे पहले से सूतक लग जाता है। इस समय में मूर्ति स्पर्श को निषिद्ध बताया गया है। सावन-2019 का महीना 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। ...
चंद्र ग्रहण 16 व 17 जुलाई की मध्य रात्रि के बाद शुरू होगा। भारत में चंद्रग्रहण का स्पर्श 16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे शुरू होगा और इसका मध्य तीन बजे होगा। ...
चंद्र ग्रहण का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। माना जाता है कि इन ग्रहण का असर हमारी राशियों पर भी पड़ता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान किसी व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। ...
Chandra Grahan 2019 (Lunar Eclipse in January Dates & Time 2019 in India): शास्त्रों के मुताबिक सूतक काल अच्छा समय नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि अगर चंद्रग्रहण का असर किसी व्यक्ति पर पड़ता है तो वह 108 दिनों तक बना रहता है। ...
पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है जब धरती, सूर्य और चांद एक सीध में आ जाते हैं। आपको अगर यह चंद्रग्रहण देखना है तो आप बिना किसी उपकरण के आसानी से देख सकते हैं। ...
‘चांग‘ई-4’ का प्रक्षेपण शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से 8 दिसंबर को लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिए किया गया था। यान दक्षिण ध्रुव ऐटकेन बेसिन में वोन कारमन क्रेटर में उतरा और उसके लैंडर ने मॉनिटर कैमरा से ली गई लैंडिंग स्थल की एक तस्वीर भेजी। ...
इस पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के साथ अंटार्कटिका, आस्ट्रेलिया, मध्य-पूर्व एवं दक्षिण अमेरिका, रशिया, अफ्रीका एवं एशिया में दृश्य होने के कारण भारत में भी अच्छी तरह से देखाई दिया। ...