Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को, भारत में आयेगा नजर, जानिए क्या पड़ेगा इसका प्रभाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 20, 2019 08:17 AM2019-06-20T08:17:22+5:302019-06-20T11:38:08+5:30
चंद्र ग्रहण का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। माना जाता है कि इन ग्रहण का असर हमारी राशियों पर भी पड़ता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान किसी व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए।
Chandra Grahan 2019: इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को पड़ रहा है। यह खग्रास चंद्र ग्रहण पूरे भारत में नजर आयेगा। गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत आधी रात से होगी इसकी अवधि करीब 3 घंटे रहेगी। यह चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात करीब 1.32 से शुरू होगा और सुबह 4.30 बजे इस ग्रहण का मोक्ष होगा। इस चंद्र ग्रहण का मध्य करीब 3 बजे होगा। खास बात ये भी है कि इस साल जुलाई महीने में पड़ने वाला यह दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 2 जुलाई को पूर्ण सूर्य ग्रहण भी है हालांकि, यह भारत में नहीं दिखेगा।
Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण का प्रभाव
चंद्र ग्रहण का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। माना जाता है कि इन ग्रहण का असर हमारी राशियों पर भी पड़ता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान किसी व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस समय पानी पीने की भी मनाही होती है। हालांकि, बीमार लोग या बच्चे इस नियम से बंधे नहीं होते हैं। किसी भी ग्रहण के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा जरूरतमंदों को दान देने की भी मान्यता है। इस दिन अन्न, वस्त्र, गुड़ जैसी चीजों को दान देने से पुण्य मिलता है।
चंद्र ग्रहण का क्या पड़ेगा प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल पड़ने वाला चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है। खासकर मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर राशि वाले लोगो को राजनीति में फायदा हो सकता है। 16 जुलाई को पड़ने वाला खग्रास चंद्र ग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पड़ रहा है। ऐसे में संभव है कि चंद्र ग्रहण के प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही प्राकृतिक आपदा स्थति बन सकती है।
चंद्र ग्रहण कैसे लगता है?
दरअसल, सूर्य, धरती और चंद्रमा एक सीध में आते हैं तो चंद्र ग्रहण पड़ता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे आ जाता है। पृथ्वी की छाया के चंद्रमा पर पड़ने को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण शुरू होने के साथ ही छाया की वजह से चंद्रमा कटता हुआ नजर है और फिर पूरा ढक जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा इस छाया से बाहर आने लगता है और यह क्रम पूरा होने के साथ ही चंद्र ग्रहण खत्म हो जाता है।