कई वर्षों के बाद राधा जब बूढ़ी और कमजोर हो गईं तो उन्होंने आखिरी बार श्रीकृष्ण से मिलने का फैसला किया। अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा कर राधा द्वारका की ओर रवाना हो गईं। ...
महाभारत की कहानी के अनुसार अर्जुन के पुत्र इरावन बेहद आक्रामक और कुशल योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लेते बहादुरी से कौरवों के खिलाफ लड़ाई की और नुकसान पहुंचाया। ...
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पहले ही जयद्रथ को मिले गुप्त वरदान के बारे में बता दिया था। इसके अनुसार जो भी वीर इसका सिर धरती पर गिराएगा, उसके मस्तक में भी विस्फोट होगा। ...
श्रीकृष्ण युद्ध के बाद जब द्वारका लौटने लगे तो वे माता गांधारी का आशीर्वाद लेने उनके पास पहुंचे। गांधारी उन्हें देखते ही आग बलूला हो गईं और श्राप दिया। ...
इस युद्ध में बभ्रुवाहन भारी पड़े और ऐसा तीखा तीर अपने पिता पर चलाया जिससे अर्जुन अपनी जान गंवा बैठे। ब्रभुवाहन भी बेहोश हो गये। इसके बाद चिंत्रागदा भी युद्ध भूमि पहुंच गईं और विलाप करने लगी। ...
करीब 5000 साल पहले की इस कहानी से जुड़े ऐसे कई रोचक प्रसंग हैं जो बहुत लोगों को मालूम नहीं हैं। इसी में से एक है ज्येष्ठ पांडु पुत्र युधिष्ठिर का अपनी ही मां कुंती को श्राप देने का प्रसंग, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। ...
ब्रह्मांचल पर्वत पर तकरीबन 600 फीट की ऊॅंचाई पर स्थित राधारानी मंदिर के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं को साढे़ तीन सौ सीढ़ियां चढ़कर नहीं जाना पड़ेगा। ब्रज तीर्थ विकास परिषद उनकी सुविधा के लिए रोप-वे बनाने जा रहा है। रोप-वे बनने से, 187 मीटर की ऊॅंचाई प ...