महाभारत: श्रीकृष्ण ने स्त्री रूप लेकर अर्जुन के बेटे इरावन से क्यों कर ली थी शादी?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 27, 2019 11:59 AM2019-06-27T11:59:58+5:302019-06-27T12:18:04+5:30

महाभारत की कहानी के अनुसार अर्जुन के पुत्र इरावन बेहद आक्रामक और कुशल योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लेते बहादुरी से कौरवों के खिलाफ लड़ाई की और नुकसान पहुंचाया।

Mahabharat story hindi when Lord Shri Krishna married Arjun's son Iravan and its transgender connection | महाभारत: श्रीकृष्ण ने स्त्री रूप लेकर अर्जुन के बेटे इरावन से क्यों कर ली थी शादी?

श्रीकृष्ण ने क्यों की स्त्री रूप में इरावन से शादी?

Highlightsभगवान कृष्ण और अर्जुन के बेटे इरावन की शादी से जुड़ी है बेहद रोचक कहानीइरावन को किन्नरों का देवता कहा जाता है, तमिलनाडु में होती है पूजा

पांडवों से लेकर कौरव तक महाभारत में कई ऐसे किरदार हैं जिनकी कहानी हैरान करती है। दिलचस्प ये है कि इस कहानी का हर किरदार एक-दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है और महाभारत के युद्ध में उसकी अहम भूमिका भी है। इसी में से एक कहानी इरावन की भी है। इरावन दरअसल अर्जुन और नाग कन्या उलूपी के पुत्र थे। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पांडवों की जीत के लिए मां काली के सामने अपनी बलि दे दी और किन्नरों के भगवान बने। 

किन्नरों के भगवान इरावन

आज भी देश के कई क्षेत्रों और खासकर तमिलनाडु में इरावन की हर साल विशेष पूजा-अर्चना होती है। वर्ष में एक दिन ऐसा आता है जब देश भर के किन्नर तमिलनाडु के कूवागम गांव में एकत्र होते हैं। यह गांव तमिलनाडु के विल्लूपुरम जिले में आता है। सभी किन्नर इस दिन पूरी तरह सज कर और रंग-बिरंगी साड़ियों में इरावन से विवाह रचाते हैं। यह विवाह एक दिन के लिए ही होता है। अगले दिन अपने देवता इरावन की मौत के साथ उनका यह वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है और वे इस शोक में विलाप करते हैं। विल्लूपुरम जिले के इस गांव में भगवान इरावन की पूजा 'कूथानदवार' के रूप में होती है।

भगवान इरावन की क्या है कहानी

महाभारत की कहानी के अनुसार अर्जुन के पुत्र इरावन बेहद आक्रामक और कुशल योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लेते बहादुरी से कौरवों के खिलाफ लड़ाई की और नुकसान पहुंचाया। 9वीं सदी में लिखी गई महाभारत के तमिल वर्जन 'पराता वेनप्पा' में वर्णित कथा के अनुसार युद्ध के दौरान एक ऐसा समय आया जब पांडवों को युद्ध जीतने के लिए एक खास रस्म 'कालापल्ली' को निभाने की जरूरत महसूस हुई।
 
इसका मतलब था मां कालि के सामने बलि देना है और जो पक्ष इसे करने में कामयाब होता, उसकी जीत सुनिश्चित हो सकती थी। इस रस्म के तहत मां काली के सामने किसी राजकुमार की बलि की जरूरत थी। पांडवों के पक्ष से जब कोई राजकुमार सामने नहीं आ सका तो इरावन खुद इस बलि के लिए तैयार हो गये।

श्रीकृष्ण के नारी रूप से क्यों हुई इरावन की शादी

दरअसल, बलि से पहले इरावन ने शादी की इच्छा प्रकट की। अब पांडवों के सामने मुश्किल थी कि जिस व्यक्ति की मौत होनी है, उससे कैसे कोई पिता अपनी बेटी की शादी कर सकता था। पांडवों के सामने दुविधा थी कि किस नारी को इरावन से शादी के लिए राजी किया जाए। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं मोहिनी रूप लेकर इरावन से शादी की और वह रात उनके साथ बिताई।

अगले दिन शर्त के अनुसार इरावन अपना शीश मां काली के चरणों में अर्पन कर देते हैं। इरावन की मृत्यु के बाद श्रीकृष्ण उसी मोहिनी रूप में अपने पति की मौत पर काफी देर तक विलाप भी करते हैं और फिर बाद में अपने पुरुष रूप में आ जाते हैं। चूकी कृष्ण ने पुरुष होते हुए भी स्त्री रूप में इरावन से शादी की थी, ठीक प्रकार आज भी हर साल किन्नर जो पुरुष रूप में माने जाते हैं, एक रात के लिए पूरी तरह से नारी रूप में इरावन से शादी रचाते हैं और फिर अगले दिन उनकी मृत्यु पर विलाप करते हैं।

English summary :
From Pandavas to Kauravas, there are many such characters in the Mahabharata whose story is full of mystery . Interestingly, every character of this story is connected in some way to each other and also plays an important role in the war of Mahabharata.


Web Title: Mahabharat story hindi when Lord Shri Krishna married Arjun's son Iravan and its transgender connection

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे