हिन्दी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है। भारत की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में हिन्दी शामिल है। भारत की राजभाषा है। भारत में सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।अनुच्छेद 343 के अतंर्गत इसे राजभाषा का दर्जा दिया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार बोलने वालों की संख्या 57.1 प्रतिशत है। हिन्दी शब्द का संबंध संस्कृत शब्द सिंधु से माना जाता है। Read More
अंग्रेजी तथा अन्य विदेशी भाषाओं की एच्छिक पढ़ाई जरूर हो लेकिन भारतीय भाषाओं के जरिये देश के उच्चतम पदों तक पहुंचने की पूर्ण सुविधा होनी चाहिए। हिंदी अपने आप आ जाएगी. जो हिंदी नहीं सीखेंगे, वे अपने प्रांत के बाहर जाकर क्या करेंगे? वे अपना नुकसान खुद क ...
पत्रकारिता के माध्यम से स्वतंत्रता का संकल्प और 50 वर्षो तक पत्रकारिता जगत की निरंतर सेवा करने वाले पराड़कर की पत्रकारिता का उद्देश्य देश सेवा करना था। लोकमान्य तिलक और अरविंद घोष जैसे नेताओं के साथ स्वाध्याय कर पत्रकारिता के क्षेत्न में उन्होंने पदा ...
आइए, हम संकल्प लें कि हिंदी का जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे। जिससे हिंदी को मिले वैश्विक सम्मान के क्रम में अपने घर-भारत में उसे राजभाषा के साथ-साथ राष्ट्रभाषा का व्यावहारिक दर्जा और स्वरूप प्राप्त हो। ...
मुख्यमंत्री जोरामथांगा की ओर से 29 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने इस राज्य के गठन के बाद से कभी भी ऐसे मुख्य सचिव को नियुक्त नहीं किया जिसे मिजो भाषा का ज्ञान नहीं हो. फिर चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार हो या फिर एनडीए की, यह ...
1961 की जनगणना में कोई 30.4 फीसदी लोगों ने हिंदी को अपनी मातृभाषा बताया था. उर्दू और हिंदुस्तानी के आंकड़े भी जोड़ दिए जाएं तो यह प्रतिशत 35.7 तक पहुंच जाता है. ...