'मंत्रियों को नहीं आती हिंदी और अंग्रेजी', गैर-मिजो भाषी मुख्य सचिव का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने अमित शाह को लिखा पत्र
By विशाल कुमार | Published: November 9, 2021 12:54 PM2021-11-09T12:54:16+5:302021-11-09T12:58:49+5:30
मुख्यमंत्री जोरामथांगा की ओर से 29 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने इस राज्य के गठन के बाद से कभी भी ऐसे मुख्य सचिव को नियुक्त नहीं किया जिसे मिजो भाषा का ज्ञान नहीं हो. फिर चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार हो या फिर एनडीए की, यह व्यवस्था मिजोरम राज्य के गठन से जारी है.
गुवाहाटी: राज्य सरकार की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए केंद्र सरकार द्वारा किए गए मुख्य सचिव की नियुक्ति का विरोध करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री पु जोरमथंगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए कहा है कि राज्य के मंत्रियों को हिंदी समझ में नहीं आती है और इनमें से कुछ को अंग्रेजी भी नहीं आती. ऐसे में राज्य के मुख्य सचिव को बदलने की जरूरत है क्योंकि उन्हें मिजो भाषा का ज्ञान नहीं है.
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी रामथांगा को रेणु शर्मा के स्थान पर नया मुख्य सचिव नियुक्त करने का आग्रह किया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री जोरामथांगा की ओर से 29 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव, गुजरात कैडर के लालुनमाविया चुआगो के रिटायरमेंट के बाद, मैंने अपने मौजूदा अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी रामथांगा को नया मुख्य सचिव बनाने का आग्रह किया था लेकिन गृह मंत्रालय ने नए मुख्य सचिव के तौर पर रेणु शर्मा की नियुक्ति की है.
रेणु अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर की 1988 बैच की आईएएस हैं और केंद्र ने 28 अक्टूबर को उनकी नियुक्ति की है और उन्होंने 1 नवंबर को राज्य के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल लिया है.
इसी दिन मिजोरम सरकार ने जेसी रामथांगा को एक नवंबर से मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने का आदेश जारी किया था. इसके फलस्वरूप मिजोरम में अब दो मुख्य सचिव हैं.
मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने अपने पत्र में लिखा कि ज्यादातर मिजो लोग हिंदी नहीं समझते. मेरी कैबिनेट का कोई मंत्री हिंदी नहीं समझ पाता. यहां तक कि कुछ को अंग्रेजी भाषा में भी दिक्कत है. ऐसे में मिजो भाषा का कामकाजी ज्ञान नहीं रखने वाला मुख्य सचिव प्रभावी और कुशलता से काम नहीं कर पाएगा. '
उन्होंने कहा कि इसी तथ्य के चलते भारत सरकार ने इस राज्य के गठन के बाद से कभी भी ऐसे मुख्य सचिव को नियुक्त नहीं किया जिसे मिजो भाषा का ज्ञान नहीं हो. फिर चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार हो या फिर एनडीए की, यह व्यवस्था मिजोरम राज्य के गठन से जारी है. यह एक सर्वविदित तथ्य है कि देश में अन्य राज्य में भी ऐसा मुख्य सचिव, जो बेसिक वर्किंग लेंग्वेज का ज्ञान नहीं रखता, तैनात नहीं किया जाता है.
अपने पत्र मेंजोरामथांगा ने यह भी लिखा है कि वे एनडीए के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं और उम्मीद है कि उनके आग्रह पर विचार किया जाएगा.