जनता भीतर ही भीतर एक बात जरूर जानती-समझती है कि अर्थव्यवस्था का संकट रातोंरात नहीं उभरा है. यह लंबे अरसे से चली आ रही समस्याओं और गलतियों के कारण धीरे-धीरे संचित हुआ है. जिस तरह से यह सरकार एनपीए की समस्या से निपटी है, उसने भी संकट में कुछ योगदान किय ...
उच्च पदस्थ सूत्रों 'लोकमत न्यूज' को बताया कि कांग्रेस देश की लगातार गिर रही अर्थव्यवस्था को बड़े राजनीतिक मुद्दे के रूप में खड़ा करना चाहती है ताकि वह साबित कर सके कि प्रधानमंत्री मोदी जिस 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था की बात कर रहे है, वह महज एक झूठ ...
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के निराशाजनक आंकड़ों, बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सुस्त पड़ने और वाहन कंपनियों की अगस्त माह की बिक्री में दस प्रतिशत से अधिक की गिरावट से निवेशकों ने मंगलवार को घबराहटपूर्ण बिकवाली की जिससे बंबई शेयर बाजार का ...
चंद्रशेखर फरवरी 1991 में देश का बजट तक नहीं रख पाए थे. विश्व बैंक और आईएमएफ ने हर सुविधा-मदद खींच ली थी. तब महंगाई दर 8.4 फीसदी पर आ गई थी. उसी के बाद 1991 में पी.वी. नरसिंह राव के प्रधानमंत्नी बनते ही देश में आर्थिक सुधार के कदम उठाए गए. ...
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर लगातार पांचवी तिमाही में कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि दर रही है। ...
लेखा महा नियंत्रक (सीजीए) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई के आखिर में राजकोषीय घाटा यानी व्यय एवं राजस्व का अंतर की यदि पूरे आंकड़े की बात करें तो यह 5,47,605 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट ...
पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जीडीपी विकास दर पांच फीसदी पर पहुंच गई। नोटबंदी, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और अक्षमता के नतीजे लगातार दिख रहे हैं।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘ यह गिरावट वैश्विक मुद्दों के कारण नहीं है। यह ‘मोदी ...
वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों के विलय की घोषणा करते हुये सिंडिकेट बैंक और कैनरा बैंक के विलय के साथ ही आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय की घोषणा की। ...