हिंदू मान्यताओं में साल में चार नवरात्रि मनाए जाते हैं। इसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का बेहद महत्व है। इसके अलावा दो और नवरात्रि भी आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। ये गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष और आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ते हैं। Read More
नवरात्र के चौथे दिन मां को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। इस दिन नारंगी वस्त्र पहनकर श्रद्धालु देवी कुष्मांडा की आराधना करते हैं और रोगों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। ...
माता चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. माता के तीन नैत्र और दस हाथ हैं. इनके कर-कमल गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, खड्ग, खप्पर, चक्र और अस्त्र-शस्त्र हैं, अग्नि जैसे वर्ण वाली, ज्ञान से जगमगाने वाली दीप्तिमान देवी हैं चंद्रघंटा. ये शेर पर आरूढ़ ...
नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत के बाद आठवें दिन कन्या पूजन का विधान है। जो भक्त मां के नौ दिन का व्रत करते हैं वो नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद भी व्रत का पारण करते हैं। ...
शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को श्वेत रंग बेहद प्रिय है। माता की पूजा के दौरान सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। मां को सफेद वस्तुएं जैसे शक्कर, मिश्री या पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पाने के लिए दुर्गा सप्तशती ...
नवरात्रि के नौं दिनों तक मां के 9 स्वरूपों शैलपुत्री माता, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी ...
नवरात्रि का पहला दिन मंगलवार को है. इस दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर होगा. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त इसी समय से शुरू हो जाएगा जो 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ...
नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है और उनसे जीवन में सुख समृद्धि और शांति की प्रार्थना की जाती है. मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं ...