अब सोशल मीडिया पर नहीं दिखेंगे 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' वाले मीम्स! दिल्ली HC ने लगाई रोक, जानें मामला
By अंजली चौहान | Updated: August 17, 2024 13:57 IST2024-08-17T13:55:52+5:302024-08-17T13:57:14+5:30
Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई यूट्यूब चैनलों, वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडलों को शो की 'बौद्धिक संपदा' का उल्लंघन करने या उसकी नकल करने से रोक दिया।

अब सोशल मीडिया पर नहीं दिखेंगे 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' वाले मीम्स! दिल्ली HC ने लगाई रोक, जानें मामला
Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: टीवी का पॉपुलर कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' घर-घर में बहुत लोकप्रिय है। इस शो के फैन बच्चों से लेकर बड़े तक हैं। चूंकि जमाना सोशल मीडिया का है ऐसे में तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो के कई सीन के मीम्स खूब बनाए जाते हैं जो बहुत वायरल है। देश में कुछ भी घटना घटी हो उस पर टीएमकेओसी शो के मीम्स जरूर होते हैं। लेकिन अब ये मीम्स नहीं दिखाई देंगे, जी हां! सही पढ़ा आपने, दरअसल, शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकप्रिय टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा की सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश शो के मर्चेंडाइज को अवैध रूप से बेचने वाले, इसके चरित्र, AI इमेज, डीपफेक और एनिमेटेड वीडियो की नकल करने वाले प्लेटफॉर्म को कवर करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने कई यूट्यूब चैनलों, वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल को लोकप्रिय सिटकॉम के किसी भी ट्रेडमार्क, शीर्षक, चरित्र या किसी अन्य बौद्धिक संपदा का उल्लंघन करने या उसकी नकल करने से रोक दिया। इसने कहा कि आदेश शो के मर्चेंडाइज को अवैध रूप से बेचने वाले, इसके चरित्र की नकल करने वाले या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इमेज, डीपफेक और एनिमेटेड वीडियो बनाने वाले प्लेटफॉर्म को कवर करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने 14 अगस्त को एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया। शो के निर्माता द्वारा दायर मुकदमे में कई ज्ञात और अज्ञात संस्थाओं के खिलाफ पारित अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने कहा कि अगर एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा नहीं दी जाती है तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी।
न्यायालय ने आदेश, “एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा का आदेश पारित किया जाता है, जिससे प्रतिवादी संख्या 11 को प्रतिबंधित किया जाता है। 1 से 12 और 14 से 21, उनके मालिकों, भागीदारों, स्वामियों, अधिकारियों, सेवकों, कर्मचारियों और प्रिंसिपल या एजेंट की क्षमता में अन्य सभी, उनके लिए और उनकी ओर से या इसके द्वारा या इसके तहत दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति से, किसी भी तरीके से, होस्टिंग, स्ट्रीमिंग, प्रसारण, संचारण, प्रदर्शन, देखने और डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध कराना, जनता तक पहुंच प्रदान करना और उनसे संवाद करना, प्रदर्शित करना, अपलोड करना, संशोधित करना, प्रकाशित करना, अपडेट करना, साझा करना (अपने ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं के लिए भी), उनकी वेबसाइटों पर बिक्री के लिए पेशकश करना, इंटरनेट के माध्यम से या किसी भी तरीके या प्लेटफॉर्म पर, कोई भी सामग्री, सामान या सेवा, जो किसी भी तरह से, अभियोगी की कॉपीराइट सामग्री/ पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन/पासिंग ऑफ के बराबर है जिसमें शामिल हैं शो के शीर्षक, वर्ण, प्रारूप और अंतर्निहित सामग्री या कुछ।
रिपोर्ट के अनुसार, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के निर्माता नीला फिल्म प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें तर्क दिया गया था कि शो का शीर्षक, प्रारूप, पात्र, चरित्र चित्रण, चरित्र व्यवहार, विशिष्ट संवाद, आवाज, संवाद वितरण, तौर-तरीके और अन्य सभी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) उनके पास हैं।
लगभग 4,000 एपिसोड के साथ 16 वर्षों से अधिक समय से प्रसारित हो रहे इस शो के निर्माताओं ने आरोप लगाया कि कई संस्थाएँ वेबसाइट चलाकर, माल बेचकर और यहाँ तक कि यूट्यूब पर 'यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील' वीडियो प्रकाशित करके व्यावसायिक लाभ के लिए इसके नाम, पात्रों की छवियों आदि का उपयोग कर रही हैं।