नाबालिग रेप केस में गिरफ्तार हुए टीवी एक्टर पर्ल वी पुरी को जमानत मिल गई है। पर्ल वी पुरी पिछले 11 दिनों से पुलिस कस्टडी में थे। उनके रिहा होने पर जहां कई टीवी स्टार खुश हैं तो वहीं आसाराम बापू के भक्त गुस्से में हैं।
आसाराम बापू के भक्त एक्टर की रिहाई के जरिए न्यायपालिका पर पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं। भक्तों का कहना है कि एक एक्टर के बेल दे दी गई जबकि एक संत को जेल में रखा गया है। मालूम हो कि आसाराम बापू भी लंबे समय से नाबालिक बच्ची के साथ रेप के आरोप में जेल हैं। ऐसे में उनके भक्तों का आरोप है जब पर्ल को बेल मिल सकती है तो आसाराम बापू को क्यों नहीं।
आसाराम के भक्त अपना गुस्सा जाहिर करते हुए ट्विटर पर हैशटैग चला रखा है। हैशटैग #एक्टर_को_बेल_संत_को_जेल के जरिए वे न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा यह वाकई हैरानी की बात है कि एक तरफ जहां अभिनेता 11 दिनों में एक ही अपराध में आसानी से जमानत पा रहे हैं जबकि मासूम संत श्री आसारामजी बापू को पिछले 8 साल से जमानत नहीं मिली.. ऐसा क्यों है?? क्या यही न्याय है..?? यह स्पष्ट रूप से पक्षपाती न्याय है।
वहीं एक यूजर ने न्यायपालिका पर दोहरा मापदंड का आरोप लगाया। कहा, हिंदू संत श्री आसारामजी बापू पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है। बेगुनाही के कई सबूतों के बावजूद उन्हें 8 साल में 1 दिन की भी जमानत नहीं दी गई। जबकि अभिनेता पर्ल वी पुरी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और 11 दिनों के भीतर जमानत मिल गई। ऐसा दोहरा मापदंड क्यों?
एक ने लिखा- न्यायपालिका ने साबित किया कि एक निर्दोष हिंदू संत श्री आसारामजी बापू पर कितना कठोर हो सकता है। अभिनेता पर्ल पुरी को 11 दिनों में जमानत दे दी गई थी, जो बापू के समान अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था। लेकिन बापूजी को जमानत के बदले जमानत नहीं मिल रही है, सरकार केवल तारीख दे रही है।
पर्ल वी पुरी को पॉक्सो के तहत 4 जून को गिरफ्तार किया गया था। इसके पहले 2 बार (5 जून और 11 जून को) पर्ल के द्वारा दायर की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी थी। पीड़ित के पिता की शिकायत के अनुसार मामला 2019 का है, जब पीड़ित की मां टीवी शो बेपनाह प्यार के सेट पर अपनी 5 साल की बेटी के साथ शूटिंग के लिए जाती थी। तब एक्टर ने अपनी वैनिटी वैन में उसके साथ गलत काम किया था।