Telangana Assembly Elections: भाजपा के बंदी संजय ने दी असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती, बोले- "हिम्मत है तो एआईएमआईएम को हैदराबाद के बाहर चुनाव लड़ा लें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 12, 2023 10:17 AM2023-10-12T10:17:13+5:302023-10-12T10:22:12+5:30
भाजपा नेता बंदी संजय कुमार ने असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती दी है कि अगर उनमें चुनाव लड़ने का साहस है तो वह एआईएमआईएम को केवल हैदराबाद नहीं बल्कि पूरे तेलंगाना में चुनाव लड़ाएं।
करीमनगर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बंदी संजय कुमार ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती दी है कि अगर उनमें चुनाव लड़ने का साहस है तो वह अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को केवल हैदराबाद नहीं बल्कि पूरे तेलंगाना में चुनाव लड़ाने की हिम्मत दिखाएं।
तेलंगाना भाजपा के पूर्व प्रमुख बंदी संजय ने बीते बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यदि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम वाकई में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम करती है, यदि आप इंसान हैं और यदि आपमें हिम्मत है तो केवल हैदराबाद नहीं बल्कि पूरे तेलंगाना में चुनाव लड़ें। आखिर आप हैदराबाद के बाहर क्यों नहीं चुनाव लड़ रहे हैं?"
इसके साथ ही बंदी संजय ने असदुद्दीन ओवैसी को घेरते हुए कहा, "अगर आप खुद को हैदराबाद तक सीमित रखना चाहते हैं और जो भी पार्टी तेलंगाना की सत्ता में है, उससे धन उगाही करना चाहते हैं तब तो आप ऐसा करें। लेकिन ये समझ लीजिए कि मुस्लिम समुदाय भी आपको स्वीकार नहीं करेगा।"
उन्होंने कहा, "वे बस कुछ बैठकें आयोजित करके लोगों को भड़काते हैं। मुस्लिम समुदाय भी एआईएमआईएम पार्टी को सबक सिखाने के लिए तैयार है।"
बंदी संजय ने एआईएमआईएम की आलोचना करते हुए कहा, "हैदराबाद के कई मुस्लिम नेताओं ने मुझसे बात की है और कहा है कि बंदी संजय सही कह रहे हैं। बंदी संजय पुराने शहर को नए शहर में बदलना चाहते हैं। इसमें गलत क्या है? आखिर क्यों एआईएमआईएम हैदराबाद जैसे पुराने शहर को नया शहर नहीं बना रही है? अगर आपमें हिम्मत है तो इसका जवाब दें कि आखिर आप हैदराबाद के बाहर चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं?''
अपनी बात को खत्म करते हुए बंदी संजय ने कहा, "आपने एआईएमआईएम पार्टी के लिए अपने उम्मीदवारों की जिंदगी बर्बाद कर दी। कौन दारुस्सलाम को सलाम कर रहा है और एआईएमआईएम पार्टी का गुलाम बन रहा है? कौन सूटकेस में पैसे भरकर दारुस्सलाम ले जा रहा है? समाज के एक वर्ग के वोटों के लिए कौन समझौता कर रहा है, जनता सब जानती है और समझती है।“