व्हाट्सएप को लोग मैसेजिंग और वीडियो कॉल के लिए तो इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसके जरिए फेक न्यूज को फैलाने का काम भी खूब तेजी से किया जाता रहा है। कई लोग व्हाट्सएप पर आए मैसेज औऱ वीडियो को सच मानकर फॉरवर्ड करते थे तो कई लोग जानबूझकर फेक न्यूज को फैलाने का काम करते हैं। ऐसे में फेक न्यूज फैलाने को लेकर व्हाट्सएप पर कई बार सवाल भी उठे। कोरोना वायरस के दौर में भी व्हाट्सएप के जरिए फेक न्यूज फैलाए जाने लगे इस पर जब सवाल उठा तो व्हाट्सएप ने इस पर रोक लगाने के लिए हाल ही में मैसेज शेयर करने की लिमिट भी तय की।
टेक क्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्एप का कहना है कि मैसेज शेयर करने की लिमिट तय करने के बाद फॉरवर्डेड मैसेज में 70 परसेंट की कमी देखी गई है। पहले किसी भी मैसेज को 5 लोगों को फॉरवर्ड किया जा सकता था लेकिन अब किसी भी मैसेज को एक ग्रुप या एक व्यक्ति को ही फॉरवर्ड किया जा सकता है।
शुरुआत में कोरोना को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हो रही बेबुनियाद खबरों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आगाह किया था। बता दें कि यदि कोई मैसेज पांच बारे से अधिक बार फॉरवर्ड होता है तो व्हाट्सएप उसे हाईली फॉरवर्डेड मैसेज में गिनती करता है। और व्हाट्सएप के नए नियम का ही नतीजा है कि उसके हाईली फॉरवर्डेड मैसेज में 70 परसेंट की कमी आई है।
ऐसा नहीं है कि फेक न्यूज को फैलाने के लिए व्हाट्सएप पर पहली सवाल उठा है। इससे पहले भी कई बार व्हाट्सएप पर सवाल उठे हैं। कई बार इन फेक मैसेज के चलते लोगों की जान तक मुश्किल में पड़ गई है। इस पर व्हाट्सएप ने साल 2018 में पहली बार मैसेज फॉरवर्डिंग पर लगाम लगाई थी। उस समय नियम बनाया गया था जिससे किसी मैसेज को एक बार में सिर्फ पांच लोगों तक ही फॉरवर्ड किया जा सकता था और अब एक बार फिर व्हाट्सएप को कड़ाई करनी पड़ी है। व्हाट्सएप के मालिकाना हक वाली कंपनी फेसबुक पर भी फेक न्यूज फैलाने, लोगों की डिटेल चोरी करने के आरोप लगते रहे हैं।