व्हाट्सएप पर अब क्या नजर आएंगे तीन 'रेड टिक'! और क्या सरकार कर रही है आपके कॉल को रिकॉर्ड, जानें सच्चाई
By विनीत कुमार | Published: May 27, 2021 05:18 PM2021-05-27T17:18:07+5:302021-05-27T17:28:01+5:30
भारत में नए आईटी नियमों को लेकर इन दिनों खूब चर्चा चल रही है। इसी बीच कई फर्जी मैसेज भी वायरल हो रहे हैं। इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
भारत में नए आईटी नियमों के साथ सोशल मीडिया को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप ब्लॉक हो जाएंगे।
इन सबके बीच एक मैसेज भी इन दिनों व्हाट्सएप को लेकर वायरल हो रहा है। इस मैसेज में कहा गया है कि नए नियम के बाद आपका मोबाइल डिवाइस भारत सरकार के सिस्टम से जुड़ जाएगा और सरकार आपके सभी व्हाट्सएप कॉल को रिकॉर्ड कर सकेगी।
यही नहीं मैसेज में ये भी कहा जा रहा है कि अगर आपके व्हाट्सएप मैसेज में तीन टिक हैं तो इसके मायने ये हुए ये मैसेज सरकार की नजर में है। वहीं अगर दो ब्लू टिक और एक लाल टिक है तो इसका मतलब ये हुआ कि सरकार आपके बारे में सूचनाएं एकत्र कर रही है। वहीं तीन रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार आपके मैसेज को लेकर किसी कार्रवाई की शुरुआत कर चुकी है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में किये कए दावे क्या वाकई सही है। आईए इस बारे में हम आपको बताते हैं।
फर्जी है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज
दरअसल व्हाट्सएप कॉल को रिकॉर्ड किए जाने सहित ब्लू, रेड और तीन टिक जैसी सभी बातें फर्जी हैं। सरकार ने ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया है। व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाया है।
वहीं, सरकार ने जवाब दिया है कि अगर उसे किसी मैसेज से देश की संप्रुभता को लेकर खतरा महसूस होता है तो मैसेज के शुरुआत को लेकर जानकारी हासिल की जाएगी।
वहीं, दो ब्लू टिक का मतलब यही होता है कि आपका मैसेज पढ़ा गया है। इसलिए इसमें तीसरे टिक या रेड टिक का सवाल ही अभी पैदा नहीं होता है।
यहां ये भी बता दें कि भारत सरकार की ओर से नए आईटी नियमों की घोषणा फरवरी में की गई थी। इनके तहत सोशल मीडिया कंपनियों मसलन ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप आदि को अतिरिक्त जांच-परख को पूरा करना होगा।
साथ ही इन कंपनियों को तीन महीने के भीतर कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी अदि की नियुक्ति करने को कहा गया था। निर्देशों में कहा गया था इन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी है। साथ ही नए नियम के तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा।