Parliament Passes Telecommunications Bill: फर्जी तरीके से सिम हासिल किया तो तीन साल की सजा और 50 लाख रुपये जुर्माना, 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम निरस्त, जानें क्या हुए बदलाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2023 04:19 PM2023-12-21T16:19:45+5:302023-12-21T16:35:31+5:30
Parliament Passes Telecommunications Bill: विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र बहुत कठिनाई वाले दौर में था लेकिन पिछले साढ़े नौ वर्षों में इसे वहां से बाहर लाया गया है।
Parliament Passes Telecommunications Bill: देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को संसद ने बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया।
लोकसभा इसे एक दिन पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र बहुत कठिनाई वाले दौर में था लेकिन पिछले साढ़े नौ वर्षों में इसे वहां से बाहर लाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र पर घोटालों की कालिख लगती थी लेकिन आज यह उदीयमान क्षेत्र बना है।
उन्होंने कहा कि भारत में दूरसंचार की सुविधा देने वाले टावरों की संख्या बढ़कर 25 लाख हो गई है जो 2014 में छह लाख थी जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूरसंचार क्षेत्र के प्रति विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता पहले डेढ़ करोड़ थे जो आज 85 करोड़ हो गए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की नीतियों के कारण दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी यहां लागू किया गया।
इसके लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया वह भारत में बने हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कई सुधारों को जारी रखा गया है और इसके द्वारा इस क्षेत्र में एक व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है। इस विधायक में उपभोक्ताओं को केंद्र में रखकर और उनके हितों को ध्यान में रखकर कानून में प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से सिम हासिल करता है तो इसके लिए तीन साल की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना रखा गया है। इसी तरह के प्रावधान फोन नंबरों के अन्य दुरुपयोगों के लिए किए गए हैं। करीब 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेने जा रहे दूरसंचार विधेयक 2023 में सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी देश या व्यक्ति के टेलीकॉम सेवा से जुड़े उपकरणों को निलंबित या प्रतिबंधित करने का दिया गया है।
यह नया विधेयक भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम 1950 की जगह लेगा। विधेयक के अनुसार, यदि कोई राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित के खिलाफ किसी भी तरह से काम करता है और अवैध रूप से दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजा दी जा सकती हैं।
विधेयक में कहा गया है कि यदि केंद्र सरकार उचित समझती है तो ऐसे व्यक्ति की दूरसंचार सेवा निलंबित या समाप्त भी कर सकती है। इसके साथ ही कोई भी महत्वपूर्ण दूरसंचार बुनियादी ढांचे के अलावा दूरसंचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है, वह नुकसान के एवज में मुआवजे और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा।
विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कोई भी अधिकारी किसी भी इमारत, वाहन, जहाज, विमान या स्थान की तलाशी ले सकता है, जहां उसे कोई अनधिकृत दूरसंचार नेटवर्क या दूरसंचार उपकरण या रेडियो उपकरण रखने या छिपाये जाने का भरोसा हो। विधेयक के अनुसार, अधिकृत व्यक्ति इस तरह के उपकरण को अपने कब्जे में ले सकता है।
साथ ही आपात स्थिति में मोबाइल सेवाओं और नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी विधेयक में प्रावधान किया गया है। नये विधेयक में उपग्रह स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए गैर नीलामी मार्ग प्रदान करने का भी प्रावधान है। विधेयक में उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से उनकी बायोमेट्रिक पहचान करने को कहा गया है।