अमेरिका की कम्पयूटर मैन्यूफैक्चरिंग मशीन आईबीएम यानी इंटरनेशनल बिजनेस मकैनिजम कॉरपोरेशन नें, यूएस सॉफ्टवेयर कंपनी रेड हैट को 34 बिलियन डॉलर में खरीद लिया है। इसे आईबीएम का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण कह सकते हैं। कंपनी ने इतने रूपयों पर सहमती इसीलिए दी थी क्योंकि यह अपने तकनीकी हार्डवेयर और परामर्श व्यवसाय को उच्च मार्जिन उत्पादों और सेवाओं में विविधता प्रदान करना चाहती है।
आईबीएम, जिसका बाजार पूंजीकरण 114 बिलियन डॉलर है, रेड हैट के लिए नकद में 190 डॉलर प्रति शेयर का भुगतान करेगा, जो कि 26 अक्टूबर के बंद होने वाले शेयर मूल्य पर 63 प्रतिशत प्रीमियम है।
रेड हैट कंपनी 1993 में स्थापित सबसे पॉपुलर ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर कंपनी है। जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा किए गए मालिकाना सॉफ्टवेयर के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था।
रेड हैट अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों को कस्टम फीचर्स, रख-रखाव और तकनीकी सहायता के लिए फीस लेता है, जो आईबीएम को सब्सक्रिप्शन का एक स्रोत प्रदान करता है। आईबीएम के सीईओ रहे रॉबेटी ने 2012 में अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि रेड हैट क्लाउड कंप्यूटिंग सेक्टर की कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक है जिसमें रेवेन्यू ग्रोथ और फ्री कैश ग्रोथ दोनों है।
इस अधिग्रहण से पता चलता है कि कैसे पुरानी तकनीक कंपनियां स्केल हासिल करने के लिए, विशेष रूप से क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियां कॉम्पटिशन को रोकने के लिए डीलमेकिंग में बदल रही हैं। जहां एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले ग्राहक अपने कस्टमर रिलेशनशिप को मजबूत करके पैसे बचाने की मांग कर रहे हैं।
आपको बता दें आईबीएम की स्थापना 1911 में हुई थी और यह प्रौद्योगिकी उद्योग में बिग ब्लू के रूप में जानी जाती है। इसने कई बार अपने रेवेन्यू में गिरावट का सामना किया है, क्योंकि यह अपने पुराने कंप्यूटर बिजनेस को नए प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं में बदल देता है। हाल ही में इस कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिजनेस लाइन्स को मिलाकर एक कंप्यूटर बनाया है जिसे सुपर कम्पूटर का नाम दिया है।