IBM ने बनाया नमक के दाने के साइज का कंप्यूटर, कीमत होगी सिर्फ 7 रुपये
By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: March 21, 2018 19:57 IST2018-03-21T18:40:07+5:302018-03-21T19:57:53+5:30
इस कंप्यूटर की खास बात है कि इसका साइज नमक के दाने के बराबर है। इस डिवाइस की कीमत सिर्फ 7 रुपये होंगे।

IBM invents world's smallest computer
नई दिल्ली, 21 मार्च। टेक की दिग्गज कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉर्पोरेशन (IBM) ने लास वेगास में हुए एक इवेंट में अपना माइक्रो कंप्यूटर को पेश किया है। इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉर्पोरेशन (IBM) ने दावा किया है कि उसने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर बनाया है। आपको बता दें कि इस कंप्यूटर को एंटी फ्रॉड डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा जिससे डिजिटल फिंगरप्रिंट से रोजमर्रा की वस्तुओं में एम्बेडेड किया जा सकता है।
नमक के दाने के साइज है कंप्यूटर
IBM ने इस डिवाइस में एक चिप लगाई है। चिप के अंदर प्रोसेसर, मेमोरी और स्टोरेज समेत पूरा कंप्यूटर सिस्टम मौजूद है। कंपनी ने बताया कि इस डिवाइस को बाजार में उपलब्ध होने में 5 साल लगेंगे। वहीं, कंपनी इस डिवाइस को सिर्फ 7 रुपये में बाजार में उतारेगी। साथ ही, इस कंप्यूटर की खास बात है कि इसका साइज नमक के दाने के बराबर है।
इसे भी पढ़ें: जियो ने लॉन्च किया नया JioFi 4G हॉटस्पॉट, HD मूवी डाउनलोड होंगी सेंकेंड्स में
डिवाइस की मदद से पकड़ी जा सकेगी गड़बड़ी
आपको बता दें कि IBM ने इस छोटे साइज के कंप्यूटर को क्रिप्टो एंकर प्रोग्राम के तहत बनाया है। इस प्रोग्राम का मकसद ऐसी टेक्नोलॉजी को डेवलप करना, जिससे उत्पादों पर हाई टेक्नोलॉजी का वाटर मार्क लगाया जा सके। इस डिवाइस की मदद से पांच साल में धोखाधड़ी और खाद्य सुरक्षा समेत अन्य मुद्दों से निपटने के लिए प्रोडक्ट्स में क्रिप्टोग्राफिक्स एंकर लगाए जा सकते हैं। इससे पूरी सप्लाई चेन में किसी भी तरह की गड़बड़ी को तुरंत पकड़ा जा सकता है। बता दें, सप्लाई चेन में होने वाली चोरियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को को हर साल करीब 600 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
इसे भी पढ़ें: ... जब Whatsapp ने यूजर्स को कहा - डिलीट कर दो Facebook App
IBM के विश्लेषक का क्या है कहना
IBM के विश्लेषक अरविन्द खन्ना ने बताया- ''आईबीएम इस तकनीक के अलावा लेटिस क्रिप्टोग्राफिक एंकर, एआई पावर रोबोट माइक्रोस्कोप और क्वांटम कम्प्यूटर जैसी दूसरी तकनीक भी ला रहा है जिससे प्रदूषण, पानी की कमी और धरती के बढ़ते तापमान जैसी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।''
