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मोबाइल खरीदने के इंतजार में बैठे लोगों के लिए खुशखबरी, 20 अप्रैल से खुल जाएंगे फ्लिपकार्ट और अमेजन, इन सामानों की शुरू होगी होम डिलीवरी

By भाषा | Updated: April 16, 2020 18:22 IST

जारी दिशानिर्देश के अनुसार वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों को बंद के दूसरे चरण में काम करने की अनुमति दी गयी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ई-वाणिज्य कंपनियों के वाहनों को जरूरी मंजूरी के साथ सड़कों पर चलने की अनुमति होगी।’’

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ठळक मुद्देबड़ी संख्या में लोग ई-वाणिज्य कंपनियों के ‘लाजिस्टिक’ और सामानों की आपूर्ति के काम से जुड़े हैं। इन क्षेत्रों को खोलकर सरकार कर्मचारियों के एक बड़े तबगे के हितों की रक्षा करना चाहती है। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है, ‘‘जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला से संबद्ध सभी सुविधाओं को परिचालन की अनुमति मिलनी चाहिए। चाहे वे स्थानीय, ई-वाणिज्यक कंपनियों के जरिये इन वस्तुओं के विनिर्माण, थोक या खुदरा कारोबार से ही क्यों न जुड़े हों....।’’

कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान सभी तरह की होम डिलीवरी पर भी रोक लगी हुई है। बिग बास्केट और ग्रोफर्स जैसी कंपनियां सिर्फ जरूरी सामानों जैसे दूध, ब्रेड आदि की सप्लाई कर रही हैं। इसके अलावा अन्य किसी भी तरह के सामान की डिलीवरी कंपनियां नहीं कर रही हैं। लेकिन जल्द ही अमेजन, फ्लिकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए अब आप जरूरी सामान की कैटेगरी में न आने वाले प्रॉडक्ट भी खरीद सकेंगे। 

गृहमंत्रालय  के एक स्पष्टीकरण के मुताबिक 20 अप्रैल से मोबाइल फोन, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, लैपटॉप और साफ-सफाई से जुड़े उत्पादों की बिक्री की जा सकेगी। यह जानकारी तीन मई तक ‘लॉकडाउन’बढ़ाये जाने के दौरान को लेकर गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देश के एक दिन बाद गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है। 

अधिकारी ने कहा कि मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों के मंच पर 20 अप्रैल से उपलब्ध होंगे। हालांकि इन सामानों की डिलिवरी करने वाले वाहनों को सड़कों पर चलाने के बारे में संबंधित प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी। 

जारी दिशानिर्देश के अनुसार वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों को बंद के दूसरे चरण में काम करने की अनुमति दी गयी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ई-वाणिज्य कंपनियों के वाहनों को जरूरी मंजूरी के साथ सड़कों पर चलने की अनुमति होगी।’’ इससे पहले, की अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ई-वाणिज्य कंपनियों को खाने का सामान, औषधि और चिकित्सा उपकरण जैसे केवल जरूरी जिंसों की आपूर्ति की अनुमति होगी। 

बुधवार को जारी दिशानिर्देश में जरूरी और गैर-जरूरी जिंसों के बारे में स्पष्टीकरण नहीं किया गया था। सरकार के इस कदम को औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग ई-वाणिज्य कंपनियों के ‘लाजिस्टिक’ और सामानों की आपूर्ति के काम से जुड़े हैं। इन क्षेत्रों को खोलकर सरकार कर्मचारियों के एक बड़े तबगे के हितों की रक्षा करना चाहती है। 

दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है, ‘‘जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला से संबद्ध सभी सुविधाओं को परिचालन की अनुमति मिलनी चाहिए। चाहे वे स्थानीय, ई-वाणिज्यक कंपनियों के जरिये इन वस्तुओं के विनिर्माण, थोक या खुदरा कारोबार से ही क्यों न जुड़े हों....।’’ इसमें उन्हें कड़ाई से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए काम करने की अनुमति देने की बात कही गयी है।

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