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Apple चीन के साथ भारत में भी कर सकता है iPhone-14 की मैन्युफैक्चरिंग

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 06, 2022 5:37 PM

अमेरिका की स्मार्टफोन कंपनी Apple चीन के साथ-साथ भारत में iPhone-14 का प्रोडक्शन की शुरूआत कर सकता है।

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ठळक मुद्देApple आने वाले समय में भारत में भी iPhone-14 की प्रोडक्शन यूनिट शुरू कर सकता हैApple चीन के राजनैतिक हालात को देखते हुए प्रोडक्शन यूनिट को भारत लाने पर विचार कर रहा हैभारत में Apple की अनुबंध निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन iPhone-14 का प्रोडक्शन कर सकती है

दिल्ली: अमेरिका की स्मार्टफोन कंपनी Apple आने वाले समय में भारत में भी iPhone-14 की प्रोडक्शन यूनिट शुरू कर सकता है। इस मामले में एक चीनी विश्लेषक ने कहा है कि Apple चीन के साथ-साथ भारत में iPhone-14 का प्रोडक्शन की शुरूआत कर सकता है क्योंकि अमेरिकी कंपनी Apple चीन के मौजूदा राजनैतिक हालात को देखते हुए प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूसन पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक असर का आंकलन कर रहा है।

समाचार वेबसाइट 'डेक्कन हेराल्ड' के मुताबिक यही कारण है कि चीन के बाद दक्षिण एशिया में Apple प्रोडक्शन के लिए भारत को अपनी पसंदीदा जगह की तौर पर चुनने के विकल्प की ओर से तेजी से सोच रहा है।  इस मामले में विश्लेषक मिंग-ची कुओ ने अपने ट्वीट में बताया है, "मेरा नवीनतम सर्वेक्षण इशारा कर रहा है कि भारत में Apple की अनुबंध निर्माता फॉक्सकॉन iPhone प्रोडक्शन में पहली बार चीन के साथ iPhone-14 को शिप कर सकती है।"

इसके साथ ही कुओ ने कहा, "यह बेहद कम समय में लिया गया फैसला हो सकता है क्योंकि भारत की iPhone मैन्युफैक्चरिंग क्षमता चीन के लिहाज से अब भी बहुत पीछे हैं लेकिन अगर Apple भारत को गैर-चीनी iPhone प्रोडक्शन साइट के तौर पर बनाने का प्रयास कर रहा है, तो यह फैसले उसके लिए किसी मील के पत्थर से कम नहीं होगा। इसका स्पष्ट मतलब है कि Apple अब कोशिश कर रहा है कि उसके चीनी प्रोडक्शन को कम किया जाए और यह इसलिए क्योंकि वो चीन के मौजूद राजनीतिक प्रभावों को कम करते हुए भारतीय बाजार को अपने अगले डेवलप मॉडल के तौर पर देख रहा है।"

मालूम हो कि अमेरिकी स्मार्टफोन कंपनी Apple अपने iPhone डिवाइस के लिए भारत में तीन कंपनियों से करार में है। इनके नाम फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन हैं। ये कंपनियां मोबाइल निर्माण के लिए भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का हिस्सा हैं। बतौर प्रोत्साहन इन कंपनियों को इस साल से 8,000 करोड़ रुपये के प्रोडक्ट बनाने होंगे।

माना जा रहा है कि चीन की मौजूद राजनीतिक स्थिति से Apple में भारी असंतोष है। दरअसल बीते कुछ समय से चीन की आक्रामक नीतियों के कारण Apple सहित अमेरिकी की तमाम कंपनियों को अपने भविष्य की चिंता सा रही है, जिन्होंने एशिया के बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन में करोड़ों डॉलर का निवेश किया है और अपना प्रोडक्शन यूनिट तैयार किया है।

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