786 अंक का कुरान में नहीं मिलता जिक्र! फिर भी इस्लाम में क्यों माना जाता है इसे पाक-पढ़ें यहां
By मेघना वर्मा | Updated: April 25, 2020 10:58 IST2020-04-25T10:58:05+5:302020-04-25T10:58:05+5:30
बॉलीवुड फिल्मों से भी 786 नंबर का खासा नाता रहा है। फिल्म में किसी एक्टर ने कभी छाती पर 786 नंबर का टैग लगाया तो किसी का गाड़ी नंबर 786 रहा।

786 अंक का कुरान में नहीं मिलता जिक्र! फिर भी इस्लाम में क्यों माना जाता है इसे पाक-पढ़ें यहां
रमजान का पाक महीना आज से शुरू हो चुका है। लोग आज पहला रोजा रखेंगे। इस्लाम धर्म में जिस तरह रमजान के महीने को पाक माना जाता है उसी तरह अंक 786 को बेहद पाक माना गया है। ये अंक इस्लाम धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस अंक को लेकर लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं।
इंडियन फिल्मों में भी इस नंबर का खासा नाता रहा है। फिल्म के किसी ने अपने एक्टर ने कभी छाती पर 786 नंबर का टैग लगाया तो किसी का गाड़ी नंबर 786 रहा। इस नंबर की क्या है कहानी और लोगों का क्या है मानना आइए हम बताते हैं आपको-
दरअसल 786 मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण अंक माना जाता है। ज्यादातर मुसलमानों के बीच एक ऐसी धारणा बनी है कि 786 का इस्तेमाल अरबी के शब्द बिस्मिल्लाह हिर्रहमाननिर रहीम की जगह पर किया जा सकता है। वहीं इस शब्द का उर्दू अनुवाद है, शुरू करता हूं अल्लाह के नाम पर, जो निहायत ही मेहरबान और रहमदिल वाला है।
क्या है मत
इन तीन अंकों(786) को लेकर अलग-अलग देशों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि बिस्मिल्लाह हिर्रहमाननिर रहीम को अगर अरबी के अलिफ और बे के सिक्वेंस में अंकों का इस्तेमाल किया जाए और फिर उन अंकों को साथ जोड़ा जाए तो उसका टोटल नंबर 786 आता है।
वहीं कई इस्लामिक धर्म गुरुओं का मानना है कि 786 नंबर का अभी कोई खास व्याख्यान सामने नहीं आया है। इस नंबर का जिक्र कुराना में भी कहीं नहीं मिलता है। इस लिजाह से 786 नंबर का इस्लाम धर्म से कोई वास्ता नहीं मगर लोग इस अंक को पवित्र मानते हैं।

