सोमवार विशेष: जब माता पार्वती के क्रोध का शिकार हुए थे महादेव, मिला था ये श्राप-पढ़ें रोचक कथा

By मेघना वर्मा | Published: May 11, 2020 06:20 AM2020-05-11T06:20:40+5:302020-05-11T06:20:40+5:30

भगवान शिव के गुस्से को लेकर भी बहुत सारी कथाएं सुनी हैं मगर क्या आपको पता है माता पार्वती के गुस्से को महादेव को झेलना पड़ा था।

when parvati gave shiva curse, jab mata parvati ne lord shiva ko diya tha shraap | सोमवार विशेष: जब माता पार्वती के क्रोध का शिकार हुए थे महादेव, मिला था ये श्राप-पढ़ें रोचक कथा

सोमवार विशेष: जब माता पार्वती के क्रोध का शिकार हुए थे महादेव, मिला था ये श्राप-पढ़ें रोचक कथा

Highlightsमाता पार्वती ने भगवान शिव को गुस्से में आकर श्राप भी दे दिया था।खेल में भगवान शिव अपना सब कुछ पार्वती जी के हाथों हार गए।

भगवान शिव और माता पार्वती के कई प्रसंग पुराणों में सुनने को मिलते हैं। भगवान शिव के गुस्से को लेकर भी बहुत सारी कथाएं सुनी हैं मगर क्या आपको पता है माता पार्वती के गुस्से को महादेव को झेलना पड़ा था। माता पार्वती ने भगवान शिव को गुस्से में आकर श्राप भी दे दिया था। आइए आपको बताते हैं क्या है ये पौराणिक कथा।

द्युत क्रीड़ा यानी जुआ ने जिस प्रकार महाभारत की घटना को अंजाम दिया था उसी तरह माता पार्वती और शिव के बीच भी ये क्रीड़ा माता पार्वती के गुस्से का कारण बना। दरअसल लोक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती को अपने साथ द्युत क्रीड़ा खेलने का प्रस्ताव दिया। इस खेल में भगवान शिव अपना सब कुछ पार्वती जी के हाथों हार गए।

वहीं सबकुछ हारने के बाद भगवान शिव पत्तों के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए। ये देखकर पार्वती बहुत चिंतित हुईं और उन्होंने भगवान गणेश को पूरी बात बताई। माता की चिंता देखकर गणेश जी, महादेव के पास स्वयं जुआ खेलने पहुंचे। गणेश जी, भोले से सबकुछ हार जाते हैं। 

ये समाचार लेकर जब गणेश जी अपनी माता के पास पहुंचते हैं तो माता कहती हैं कि शिव जी अपने साथ ही वापिस लाना चाहिए था। गणेश जी एक बार फिर भोलेबाबा की तलाश में निकल जाते हैं। वहीं पार्वती से नाराज भोलेनाथ लौटने से इंकार कर देते हैं। 

भगवान विष्णु भगवान भोलेनाथ की इच्छा के अनुसार पासा का रुप धारण कर लेते हैं। शंकजी, गणेशजी से कहते हैं कि यदि पार्वती माता फिर से उनके साथ जुआ खेलने को राजी हो गईं तभी वो उनके साथ चलने को तैयार हैं। 

माता पार्वती उनका ये प्रस्ताव पाकर हंसने लगती हैं और कहती हैं कि अब उनके पास जुआ खेलने के बचा ही क्या है। तभी नारज जी अपनी वीणा आदि सामग्री उन्हें दे देते हैं। अब सारी बाजियां शिव जी जीतने लगते हैं। इस खेल की चाल गणेश जी समझ जाते हैं और सारी बातें पार्वती माता को बता देते हैं। 

भगवान शिव के इस छल से माता पार्वती क्रोधित हो जाती हैं। क्रोध में आकर माता भोलेनाथ को श्राप देती हैं। वो कहती हैं कि गंगा की धारा का पूरा बोझ उनके माथे पर हमेशा बना रहेगा। पार्वती माता गुस्से में नारद को भी एक स्थान पर टिके नहीं रहने का श्राप देती हैं। भगवान शिव के भक्त रावण को भी वो श्राप देती हैं कि भगवान विष्णु का सबसे बड़ा दुश्मन रावण होगा और रावण का विनाश श्री विष्णु के हाथों ही होगा।

Web Title: when parvati gave shiva curse, jab mata parvati ne lord shiva ko diya tha shraap

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