सगे भाई-बहनों ने नहीं की थी रक्षाबंधन की शुरूआत, इन 4 कहानियों में होता है जिक्र

By मेघना वर्मा | Updated: August 23, 2018 09:39 IST2018-08-23T09:39:47+5:302018-08-23T09:39:47+5:30

What is Raksha Bandhan-Rakhi History, Significance, Purpose, Stories in Hindi: भगवान इतने क्रोधित हो गए कि उन्होंने अपने चक्र से शिशुपाल का सिर काट दिया। ऐसा करने में उनकी उंगली से खून बहने लगा।

what is raksha bandhan and know about its history | सगे भाई-बहनों ने नहीं की थी रक्षाबंधन की शुरूआत, इन 4 कहानियों में होता है जिक्र

सगे भाई-बहनों ने नहीं की थी रक्षाबंधन की शुरूआत, इन 4 कहानियों में होता है जिक्र

रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार सदियों से भारतीय समाज में भाई-बहनों को समर्पित है। इस दिन ना सिर्फ बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं बल्कि अपनी सुरक्षा का वादा भी मांगती हैं। खुशियों का ये त्योहार इस साल देश भर में 26 अगस्त को मनाया जाएगा। हर साल इस रंग-बिरंगे राखी के त्योहार को लोग मनाते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस त्योहार की शुरूआत सगे भाई-बहनों ने नहीं किया था। जी हां आज हम आपको राखी त्योहार की कुछ ऐसी ही अनकही बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें शायद ही कोई जानता हो। आप भी जानिए क्या है इस त्योहार की खासियत और इसके पीछे की कहानी। 

6 हजार साल पहले हुई थी इस त्योहार की शुरूआत

रक्षाबंधन के शुरू होने की कोई स्पष्ट तारीख तो आज तक किसी को नहीं पता मगर माना जाता है कि इस त्योहार की शुरूआत आज से 6 हजार साल पहले हुई थी। इस पर्व में सदियों से बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती आईं हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस पावित्र पर्व की शुरूआत कैसे हुई आप भी जानिए। 

1. महाभारत से जुड़ी हुई है रक्षाबंधन की कहानी

रक्षाबंधन की एक खूबसूरत कहानी का जिक्र महाभारत में मिलता है। खूबसूरत और पवित्र इसलिए क्योंकि ये कहानी दिखाती है कि भाई-बहन के स्नेह के लिए सगा होना जरूरी नहीं है। बताया जाता है कि महाभारत काल में एक बार युधिष्ठिर का राज्यभिषेक किया जाना था। इस समारोह में शिशुपाल भी मौजूद थे। जब कार्यक्रम आगे बढ़ने लगा तो शिशुपाल ने भगवान श्रीकृष्ण का अपमान किया। भगवान इतने क्रोधित हो गए कि उन्होंने अपने चक्र से शिशुपाल का सिर काट दिया। ऐसा करने में उनकी उंगली से खून बहने लगा। खून निकलते देख द्रौपदी उनके पास आईं और अपने साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा निकालकर उनके हाथ पर बांध दिया। इसी समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि वह उस टुकड़े का एक-एक ऋृण चुकाएंगे। बताया जाता है कि इस दिन सावन महीने की पूर्णिमा तिथि थी। 

2. जब रानी कर्णवती के भाई सम्राट हुमांयू ने की उनकी रक्षा

रक्षाबंधन की एक और कहानी जो सुनाई जाती है वो मध्यकालीन युग से जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि राजपूत और मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णवती चित्तौड़ के राजा की विधवा थी। जब संघर्ष के दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह जफर से अपनी प्रजा को बचाने के लिए उन्हें कोई राह नहीं दिखी तो उन्होंने सम्राट हुमांयू को राखी भेजी। जिसे स्वीकार करके हुमांयू ने युद्ध लड़ा और अपनी बहन और उसकी प्रजा की रक्षा की। 

3. सिंकरदर की जान बचाई राखी ने

जिस समय पूरे विश्व पर सिंकदर फतह करने निकला था तो उसका सामना भारत के राजा पेरु से हुआ। उसकी प्रचंडता को देख कर वह परेशान हो गया। ये देखकर सिंकदर की पत्नी तनाव में आ गई। अपनी पति की रक्षा के लिए उन्होंने राजा पेरु को राखी भेजी। पुरु आश्चर्य में पड़ गए लेकिन राखी के धागों का सम्मान करते हुए उन्होंने उसे स्वीकार किया और सिकंदर से युद्ध टाल दिया। 

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4. जब यमराज ने यमुना को दिया वरदान

रक्षा बंधन की कहानियों में एक कहानी सबसे प्रचलित है। इसके बारे में बताया जाता है कि यमुना ने एक बार यमराज को राखी भेजी। जिसे स्वीकारने के बाद यमराज ने यमुना को अमर होने का वरदान दिया। तब से यही कहा जाता रहा है कि भाई रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन से राखी बंधवाएंगे और उनके प्राणों की रक्षा करेंगे। 

 

English summary :
What is Raksha Bandhan-Rakhi History: The sacred festival of Rakshabandhan has been dedicated to the brothers and sisters in Indian society for centuries. On this day, not only the sisters tag rakhi on their brother's wrist, but they also ask for their safety. This festival of happiness will be celebrated across the country on August 26 this year.


Web Title: what is raksha bandhan and know about its history

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