बदरीनाथ के कपाट खुलने की शुभ तिथि बदलना देव शक्तियों के कोप को आमंत्रित करने जैसा: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 26, 2020 10:13 IST2020-04-26T10:13:34+5:302020-04-26T10:13:34+5:30

बदरीनाथ के कपाट खुलने की शुभ तिथि बदलना देव शक्तियों के कोप को आमंत्रित करने जैसा: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने मांग की कि उत्तराखंड सरकार बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय को वापस ले. उन्होंने कहा, 'शुभ तिथि को बदलना देव शक्तियों के प्रकोप को आमंत्रित करना होगा.'
गढ़वाल में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट 30 अप्रैल को खुलने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते कपाट के खुलने की तिथि 15 मई कर दी गई है. द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, ऐसे समय में जब देश कोविड-19 संकट का सामना कर रहा है, देव शक्तियों को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा, बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन वास्तव में देव शक्तियों के कोप को आमंत्रित करना होगा.
केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे जबकि बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे । राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘ आपासी मेल-जोल से दूरी के नियम के अनुपालन में हम अभी श्रद्धालुओं को मंदिर आने की अनुमति नहीं दे सकते ।
कपाट खुलने के समारोह में पूजा करने वाले पुजारियों और मंदिर समिति के अधिकारियों के एक चुनिंदा समूह को ही शामिल होने की अनुमति दी जा रही है ।' उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति के संबंध में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर निर्णय किया जाएगा ।