शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है। यह पर्व 7 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ था। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन महानवमी के दिन यानी 14 अक्टूबर को होगा। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत रखकर माता रानी की आराधना करने से समस्त प्रकार दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। माता रानी उन भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। शारदीय नवरात्रि के दौरान वास्तु के कुछ विशेष उपाय करने से भी आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये उपाय आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में कारगर साबित होंगे। नवरात्रि से जुड़े वास्तु के ये उपाय इस प्रकार हैं -
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व की दिशा माता रानी का आसन होना चाहिए। इसी दिशा में कलश स्थापना करना चाहिए। वास्तु के नियमानुसार, घर में उत्तर-पूर्व का स्थान देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि में आम के पत्तों का बंदनवार घर के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए, जिससे नवरात्रि में आपके घर में किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर सकेगी। इस आसान उपाय को करने से घर में प्रवेश करने वाले रोग-दोष दूर होंगे और परिवार में खुशियां आएंगी।
हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का निशान बहुत ही शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार, नवरात्रि में घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का निशान जरूर बनाना चाहिए। इस आसान उपाय से आपको कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे। यह निशान घर में नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और उन्हें प्रवेश नहीं करने देता है।
शारदीय नवरात्रि में माता लक्ष्मी के पैरों के निशान घर के मुख्य द्वार पर बनाने चाहिए। इस उपाय को करने से आपके घर में माता लक्ष्मी का आगमन होगा और आपके धन्य-धान्य के भंडार भरे रहेंगे। वास्तु के इस उपाय को करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।
मां दुर्गा को लाल रंग पंसद है इसलिए आप अपने पूजा स्थल की सजावट में इस बात का ख्याल रखें और इसी रंग से मिलते जुलते वस्त्र धारण करें। यह उपाय करने से आपको माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। हां, काले रंग से आपको परहेज करना चाहिए।