लाइव न्यूज़ :

भोजन को लेकर क्या कहते हैं सनातन धर्म के नियम? जानिए किस समय भोजन नहीं करना चाहिए

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 29, 2023 12:01 IST

भोजन का समय निश्चित होना चाहिए। सूर्योदय, सूर्यास्त, दोपहर 12 बजे और आधी रात को भोजन न करें। इसके अलावा, जब भी संभव हो, दोपहर का भोजन 12 बजे से पहले और रात का खाना रात 9 बजे से पहले कर लें।

Open in App
ठळक मुद्देसनातन धर्म में बिना स्नान किए भोजन ग्रहण करने की मनाही हैभोजन का समय निश्चित होना चाहिएभोजन के बीच पर्याप्त अंतराल रखें

Meal timings under Sanatan Dharma:भोजन इंसान के जीवन का एक अहम हिस्सा है। भारतीय संस्कृति में तो ये भी कहा गया है कि जैसा अन्न, वैसा मन। भोजन न केवल शरीर के पोषण की जरूरत को पूरा करता है बल्कि यह मन-मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव छोड़ता है। सनातन धर्म में भोजन और इसे ग्रहण करने के समय को लेकर कुछ नियम कानून बनाए गए हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बता रहे हैं जो सनातन धर्म में भोजन से संबंधित हैं।

बिना नहाए न खाएं

सनातन धर्म में बिना स्नान किए भोजन ग्रहण करने की मनाही है। इसका कारण भी बताया गया है। स्नान से पहले शरीर पर रज-तम-प्रधान अशुद्धि की उपस्थिति के कारण, भोजन करने से शरीर में रज-तम-प्रधान तरंगों का स्थानांतरण होता है। स्नान करने से शरीर को पवित्रता मिलती है। भगवान के नाम का जाप करते हुए स्नान करने से मन भी पवित्र होता है।

पहले खाया हुआ भोजन पच जाने के बाद ही भोजन करें

बहुत सारे लोग समय देखकर खाना खाते हैं। लेकिन सनातन धर्म की शिक्षाएं कहती हैं कि जब पहले खाया हुआ खाना पच जाए,  जब भूख लगे, साफ डकार आने पर, जब शरीर हल्का महसूस हो तभी खाना चाहिए। ऐसा करने से आप कभी भी अपच से पीड़ित नहीं होंगे और सात ऊतकों (लसीका, रक्त, मांसपेशी, वसा, हड्डियां, तंत्रिका ऊतक और प्रजनन ऊतक) का उचित विकास होगा। शाम का भोजन दोपहर के भोजन से हल्का होना चाहिए। अगर रात का खाना नहीं पचा हो तो अगले दिन का दोपहर का खाना छोड़ देना चाहिए।

सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए

सनातन धर्म की शिक्षाएं कहती हैं कि चंद्रमा और सूर्य भोजन में पौष्टिक रस का पोषण करने वाले देवता हैं। ग्रहण के दौरान इनकी शक्ति कम हो जाती है इसलिए इस दौरान भोजन करना वर्जित होता है। इस अवधि के दौरान भोजन करना, सोना जैसी कोई भी रज-तम-प्रधान गतिविधि की जाती है, तो इन गतिविधियों के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जाएं हमें परेशान कर सकती हैं। 

भोजन का समय

भोजन का समय निश्चित होना चाहिए। सूर्योदय, सूर्यास्त, दोपहर 12 बजे और आधी रात को भोजन न करें। इसके अलावा, जब भी संभव हो, दोपहर का भोजन 12 बजे से पहले और रात का खाना रात 9 बजे से पहले कर लें।

इसके अलावा भोजन से पहले नैवेद्य अर्पित करें। भोजन के बीच पर्याप्त अंतराल रखें। 

टॅग्स :भोजनHindu Religion and Charity Charityचन्द्रग्रहणसूर्य ग्रहण
Open in App

संबंधित खबरें

भारतइंडियन शेफ के हाथ का खाना नहीं खाएंगे पुतिन, विदेश दौरे पर साथ ले जाते हैं अपने शेफ; जानें वजह

भारतटमाटर की कीमत ने लोगों की जेब की खाली, दिल्ली-NCR में राहत के लिए सरकार चला रही सब्सिडी वैन; जानें कैसे मिलेगा फायदा

भारतभारत में दूध उपभोग के बदलते तौर-तरीके: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

भारतTomato Price Hike: टमाटर के दाम ने जेब पर डाला असर, महज 15 दिनों में 50% तक कीमतें बढ़ी; जानें क्या है वजह

विश्वखाद्यान्न की बर्बादी रोकना समय की मांग

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार