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रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार: पढ़ें महान संत के बहुमूल्य वचन, जीवन को देते हैं नई दिशा

By उस्मान | Updated: February 18, 2019 11:00 IST

Ramakrishna Paramahamsa Jayanti पर जानिये पर पढ़िए उनके 10 अनमोल वचन, जो आपके जीवन में कर देंगे.

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रामकृष्ण परमहंस एक आध्यात्मिक योगी थे। उनका जन्म 18 फरवरी 1836 में बंगाल के छोटे से गांव हुगली में हुआ था। परमहंस जी का दूसरा नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था। वो मां काली के बहुत बड़े भक्त थे। यहां तक कि स्वामी विवेकानंद भी उनके शिष्य रह चुके थे। परमहंस जी से प्रेम करने वाले लोग उन्हे विष्णु का अवतार मानते थे। आज रामकृष्ण परमहंस जयंती पर हम आपको उनके कुछ प्रेरणादायक वचन बता रहे हैं, जो आपके जीवन में उजियारा कर सकते हैं। 

1) ज्ञान हमेशा एकता की ओर जाता है, लेकिन विविधता हमेशा अज्ञानता की ओर ले जाती है।

2) रामकृष्ण परमहंस ने सभी महिलाओं को शक्ति की प्रमाणिक मूर्त बताया है।

3) रामकृष्ण परमहंस जी का मानना है कि कभी भी अपने विश्वास को सच्चा मत समझो। कभी ये मत समझो कि सामने वाला गलत है। यह निश्चित रुप से मान लेना चाहिए कि बिना रूप वाला भगवान वास्तविक है। जो भी तुम्हारे लिए विश्वास प्रकट करता है उसके लिए विश्वास रखो।

4) ईश्वर को प्यार करने वाला भक्त किसी भी जाति का नहीं हो सकता है। क्योंकि भगवान किसी धर्म-जाति में विश्वास नहीं रखते, भगवान को केवल सच्चे मन से याद करना चाहिए।

5) हमेशा भगवान की सेवा निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको जीवन के सही समय का एहसास होता है। भगवान को अगर दिल से चाहो तो आप उससे बात कर सकते हो, जैसे मैं करता हूं।

6) बारिश का पानी कभी ऊंचे स्थान पर नहीं रुकता, वो हमेशा नीचे स्थान आता है। इसलिए भगवान की दया हमेशा श्रद्धालुओं के दिल में बनी रहती है। मगर घमंडी और व्यर्थ लोगों के मन में उनके प्रति कोई दया नहीं होती।

7) भगवान के कई रूप होते हैं, जो उसे अलग-अलग रूप में आकर अपने भक्तों को प्रेरित करते है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस रूप में उसे देख रहे हैं। वह आपको उसी रूप में दिखाई देगा, जिस रूप में आपने उसे स्मरण किया है।

8) मन की परिभाषा को बताते हुए परमहंस जी ने बताया है कि मन वो होता है जो किसी को बुद्धिमान, किसी को अज्ञानी और किसी को मुक्ति देता है।

9) धर्म पर बातें करना आसान होता है लेकिन उस पर अभ्यास करना उतना ही मुश्किल होता है।

10) भगवान से हमेशा यह प्रार्थना करनी चाहिए कि किसी के साथ कभी गलत न करें, हमेशा उनका भला सोचे।

टॅग्स :स्वामी विवेकानंदहिंदू त्योहार
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