Ram Navami 2023: कब है चैत्र राम नवमी? यहां जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और सब कुछ
By अंजली चौहान | Updated: March 29, 2023 13:41 IST2023-03-29T13:38:51+5:302023-03-29T13:41:47+5:30
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में चैत्र नवरात्रि गुरुवार, 30 मार्च को है। भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था, जो हिंदू दिवस के मध्य हुआ था।

फाइल फोटो
Ram Navami 2023: हर साल हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़े ही धूमधाम से चैत्र राम नवमी का त्योहार मनाते हैं। चैत्र राम नवमी चैत्र नवरात्रि के समापन दिन पर मनाया जाता है जिसके कई मायनों में विशेष धार्मिक महत्व हैं।
इस साल 30 मार्च को चैत्र राम नवमी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीना कैलेंडर का पहला महीना होता है और शुक्ल पक्ष की नवमी को पड़ता है। राम नवमी भगवान राम की जयंती का प्रतीक है। इसे चैत्र नवरात्रि के समापन के रूप में भी मनाया जाता है।
चैत्र राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में चैत्र नवरात्रि गुरुवार, 30 मार्च को है। भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था, जो हिंदू दिवस के मध्य हुआ था। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल यह सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं, नवमी तिथि 29 मार्च को रात 9:07 बजे से शुरू हो रही और 30 मार्च को रात 11:30 बजे समाप्त हो रही है।
भगवान राम की जयंती के रूप में मनाई जाने वाली राम नवमी को देश के अलग-अलग हिस्सों में बढ़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में हर शहर का शुभ मुहूर्त जानना लोगों के लिए काफी अहम है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं भारत के अलग-अलग शहरों में पूजा का मुहूर्त...
नई दिल्ली- सुबह: 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
नोएडा- सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
गुड़गांव - सुबह 11:12 से दोपहर 1:41 बजे तक
चंडीगढ़ - सुबह 11:13 से दोपहर 1:42 बजे तक
मुंबई - सुबह 11:29 से दोपहर 1:57 बजे तक
जयपुर - सुबह 11:17 से दोपहर 1:46 बजे तक
बेंगलुरु - सुबह 11:11 से दोपहर 1:38 बजे तक
चेन्नई - सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:27 बजे तक
कोलकाता - सुबह 10:27 से दोपहर 12:55 बजे तक
हैदराबाद - सुबह 11:07 से दोपहर 1:34 बजे तक
अहमदाबाद - सुबह 11:30 से दोपहर 1:58 बजे तक
चैत्र राम नवमी के दिन ऐसे करें अनुष्ठान
द्रिक पंचांग के अनुसार, चैत्र राम नवमी के दिन भक्तों के सच्चे मन से एक दिन का उपवास रखना चाहिए और पूरे विधि-विधान से भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन विशेष रूप से रामायण का पाठ करना चाहिए या फिर आप इसे सुन भी सकते हैं।
इसके अलावा राम नवमी के दिन कई जगह पर भगवान राम के नाम के जुलूस का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी भक्त भक्तिभाव में डूबे रहते हैं। राम नवमी के अगले दिन उपवास तोड़ने से पहले भगवान की पूजा और हवन करना चाहिए। ऐसे करने से ईश्वर आपसे प्रसन्न होते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
चैत्र राम नवमी का इतिहास और महत्व
शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम ने त्रेता युग में धरती पर इंसान के रूप में जन्म लिया था। वह भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। भगवान राम के जीवन पर रामायण रची गई है जो हिंदूओं के लिए एक पवित्र ग्रंथ है। भगवान राम की कथा के अनुसार, राजा दशरथ और उनकी तीन रानियों- कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा ने ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर पुत्र कामस्थि यज्ञ किया।
इसके बाद यज्ञ के देवता द्वारा दी गई खीर को तीनों रानियों ने खाया था। खीर खाने के तुरंत बाद रानियों ने गर्भ धारण किया और चैत्र मास के नौवें दिन रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया।
(Disclaimer: यहां लिखे गए आर्टिकल में मौजूद जानकारियों की लोकमत हिंदी पुष्टि नहीं करता है। कृपया किसी भी मान्यता को मानने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)