Raksha Bandhan 2023: भाई-बहन के प्यार और पवित्र बंधन का प्रतीक रक्षा बंधन काफी महत्वपूर्ण त्योहार है। हर साल हिंदू चंद्र कैलेंडर माह सावन के आखिरी दिन मनाया जाता है जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है।
इस साल रक्षा बंधन भद्रा के कारण 30 अगस्त 2023 से शुरू होकर 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। ऐसे में 30 अगस्त को सुबह 9 बजे के बाद राखी बांधना शुभ माना गया है।
राखी के त्योहार के दिन वैसे तो बहनें अपनी भाई की कलाई पर सुंदर-सुंदर फैन्सी डिजाइन की राखियां बांधती है। हालांकि, राखी खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है और भले ही देखने में फैन्सी राखी अच्छी लगती हो लेकिन फिर भी राखी बांधने के कुछ नियम है। आइए जानते हैं इन राखी से जुड़ी अहम बातें..
1- टूटी हुई राखी
रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के मजबूत रिश्ते को दर्शाता है। ऐसे में कभी भी अपने भाई को टूटी हुई राखी न बांधे ये खंडित मानी जाती है। खंडित राखी को बांधना अशुभ माना जाता है इसलिए जब आप राखी खरीदे तो इस बात का ध्यान रखें।
2- देवी-देवता वाली राखी
आमतौर पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अपने भाई पर भगवान का आशीर्वाद बनाए रखने के लिए देवी-देवता वाली राखी बांधते हैं। मगर मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवता के चित्र वाली राखी हाथों पर बांधना अशुभ होता है क्योंकि इससे भगवान का अपमान होता है। कलाई पर ये अपवित्र हो जाता है। ऐसे में किसी भी देवता या देवी की राखी अपने भाई की कलाई पर न बांधे।
3- राखी का रंग
राखी को खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान दें कि राखी का रंग नीला और काला न हो। शुभ कार्य में ये रंग अशुभ माना जाता है। ये रंग व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। लाल, पीला, गुलाबी रंग शुभ माना जाता है और इस रंग की राखी बांधना अच्छा होता है।
4- प्लास्टिक से बनी राखी
भाई की कलाई पर प्लास्टिक की राखी नहीं बांधनी चाहिए। प्लास्टिक अशुद्ध चीजों से बना होता है और इसे बांधना अशुभ माना जाता है।
5- अशुभ चिन्ह वाली राखी
रक्षा बंधन के लिए राखी खरीदते समय विशेष ध्यान दें। ऐसी राखी बिल्कुल न खरीदे जिस पर क्रॉस, आधा चक्र, कार्टून जैसे विकृत चीजें बनी हो। ऐसी राखियों को नहीं बांधना चाहिए।
कौन सी राखी बांधे?
रक्षा बंधन के दिन अपने भाई की कलाई पर फूल, रेशमी धागे, मोती, रुद्राक्ष, चांदी, लाल धागे से बनी राखी बांधे। ये राखियां शुभ मानी जाती है।
(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य विशेषज्ञ राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)