राजस्थान: बीकानेर की करणी माता से रानी सती मंदिर तक, क्या आपने देखें हैं राजस्थान के ये 5 बड़े मंदिर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 6, 2019 03:05 PM2019-06-06T15:05:12+5:302019-06-06T15:05:12+5:30
राजस्थान में कई ऐसे मंदिर हैं जहां भक्त देश से ही नहीं विदेशों से भी आते हैं। फिर चाहे बिरला मंदिर की बात कीजिए या फिर करनी माता मंदिर की।
राजे-रजवाड़े के समृद्ध इतिहास को समेटे राजस्थान अपनी संस्कृति और वास्तुकला के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यही बात राजस्थान के मंदिरों के साथ भी है। राजस्थान में कई ऐसे मंदिर हैं जहां भक्त देश से ही नहीं विदेशों से भी आते हैं। कहीं मंदिरों की खूबसूरती लोगों को खींच लाती है तो कहीं, किसी मंदिर की अगल संस्कृति और पूजा के तौर-तरीके आकर्षण का केंद्र हैं। राजस्थान के इन मंदिरों में राज्य की संस्कृति और परंपरा की भी झलक मिलती है।
बिरला मंदिर
जयपुर में स्थित यह राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे 1988 में बिरला परिवार की ओर से बनाया गया था। सभी बिरला मंदिरों की तरह यह भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का मंदिर है। इस मंदिर की अहम बात इसकी बनावट और खूबसूरती है। शाम को या फिर सूर्यास्त के इस मंदिर में जाने का अनुभव सबसे अलग होता है। यहां की साज-सज्जा और खासकर लाइटिंग सबसे ज्यादा आकर्षक है। इस मंदिर की दीवरों को देखें तो यहां आपको विभिन्न पौराणिक कहानियों के दृश्य खुदे हुए मिलेंगे। नवरात्रि और दिवाली के समय इस मंदिर की सजावट देखते हुए बनती है। यह मंदिर हर दिन सुबह 8 बजे खुलता है और फिर 12 बजे दोपहर में बंद होता है। शाम को एक बार फिर यह मंदिर 4 बजे खुलता है और रात के 8 बजे कर आप यहां जा सकते हैं।
करणी माता मंदिर
राजस्थान का यह मंदिर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी एक खास वजह के कारण बहुत प्रसिद्ध है। बीकानेर के इस मंदिर में 20,000 से ज्यादा चूहे हैं। यहां पहुंचने वाले भक्तों के बीच एक परंपरा इन चूहों को खाना खिलाना भी है। जब किसी चूहे की मृत्यु होती है, उस चूहे की मूर्ति मंदिर के अंदर बना दी जाती है। यही नहीं, चूहों द्वारा जूठे किये गये प्रसाद भी यहां आने वाले लोग खुशी-खुशी खाते हैं और इसे एक आशीर्वाद के तौर पर देखा जाता है। यहां का करनी माता मेला भी लगता है जो खूब प्रसिद्ध है। लोग इस मौके पर बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। चैत्र और अश्विन शुक्ल दशमी के मौके पर भी यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर
भारत में भगवान ब्रह्मा के कुछ ही मंदिर हैं और उनमें सबसे दर्शनीय और अच्छा पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर है। कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 2000 साल पुराना है और इसे मार्बल और पत्थरों से बनाया गया है। यह पुष्कर की पवित्र झील के करीब है। भक्त पहले इसी झील में स्नान करने के बाद ब्रह्माजी के इस मंदिर में जाते हैं। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर खास आयोजन होता है और बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। यह मंदिर सालों भर सुबह 5.30 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर
राजस्थान के करौली जिले में स्थित यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर झाड़-फूंक और जादू-टोने के लिए भी काफी चर्चा में रहता है। साथ ही पुराने बीमारियों से पीड़ित भक्त भी यहां बड़ी संख्या में आते हैं और इससे छुटकारा पाने की मनोकामना करते हैं। यह मंदिर केवल राजस्थान नहीं, देशभर में काफी लोकप्रिय है।
रानी सती मंदिर
यह मंदिर झुंझुनू में स्थित है। यह मंदिर 13वीं सदी की रानी सती को समर्पित है जिन्होंने अपने पति की मौत के बाद खुद को सती कर लिया था। उन्हें नारायणी देवी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में रानी सती की बड़ी से आकृति लगी है। मंदिर के अंदर आपको भगवान हनुमान का मंदिर, भगवान शिव, भगवान गणेश, माता सीता और दूसरे देवी-देवताओं का मंदिर है।