लाइव न्यूज़ :

निर्जला एकादशी 2020: इस व्रत कथा के बिना अधूरा है निर्जला एकादशी का व्रत, पढ़ें पूरी कथा

By मेघना वर्मा | Published: May 30, 2020 11:56 AM

माना जाता है कि साल भर की सभी एकादशियों का फल केवल एक दिन के इस निर्जला एकादशी व्रत को करने से मिलता है।

Open in App
ठळक मुद्देनिर्जला एकादशी को साल की कुछ महत्वपूर्ण एकादशी में गिना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इस व्रत को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था।

निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहते हैं। इस साल निर्जला एकादशी 2 जून को पड़ रही है। हिन्दू धर्म में एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन लोग भगवान विष्णु के प्रिय एकादशी का व्रत करते हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। 

निर्जला एकादशी को साल की कुछ महत्वपूर्ण एकादशी में गिना जाता है। मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत ऐसा है जिसे करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। हलांकि दिन भर प्यासे रहने वाला ये व्रत बहुत कठिन होता है। 

माना जाता है कि साल भर की सभी एकादशियों का फल केवल एक दिन के इस एकादशी व्रत को करने से मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि इसे महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। विशेष व्रत कथा के बिना भीम एकादशी का व्रत पूरा नहीं होता।

इस व्रत को हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशी में भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है लेकिन निर्जला एकादशी करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है।

निर्जला एकादशी तिथि - 2 जून 2020एकादशी तिथि प्रारम्भ - 1 जून दोपहर 2 बजकर 57 मिनट परएकादशी तिथि समाप्त - 2 जून को दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर

निर्जला एकादशी की व्रत कथा

पौराणिक कथा की मानें तो महाभारत काल के समय एक बार पाण्डु पुत्र भीम ने महर्षि वेद व्यास जी से पूछा कि मेरे परिवार के सभी लोग एकादशी व्रत करते हैं और मुझे भी व्रत करने के लिए कहते हैं। लेकिन मैं भूखा नहीं रह सकता हूं अत: आप मुझे कृपा करके बताएं कि बिना उपवास किए एकादशी का फल कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

भीम के अनुरोध पर वेद व्यास जी ने कहा कि तुम ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निर्जल व्रत करो। इस दिन अन्न और जल दोनों का त्याग करना पड़ता है। जो भी मनुष्य एकादशी तिथि के सूर्योदय से द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक बिना पानी पीये रहता है और सच्ची श्रद्धा से निर्जला व्रत का पालन करता है।

साल में जितनी एकादशी आती हैं उन सब एकादशी का फल इस एक एकादशी का व्रत करने से मिल जाता है। तब भीम ने व्यास जी की आज्ञा का पालन कर निर्जला एकादशी का व्रत किया था। तब से ये भीम एकादशी या निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है।

टॅग्स :निर्जला एकादशीएकादशीपूजा पाठभगवान विष्णुहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत कल, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप

पूजा पाठParshuram Dwadashi 2024: क्यों मनाई जाती है परशुराम द्वादशी, क्या है इसका महत्व, जानें इसकी तिथि और समय

पूजा पाठLord PARSHURAM: भगवान परशुराम ने स्वयं किसी का विध्वंस नहीं किया बल्कि पितृ स्मृतियों के वशीभूत होकर दुष्टों का वध किया

पूजा पाठVaishakha Purnima 2024: कब है वैशाख पूर्णिमा? जानें तिथि और महत्व, ऐसे करें पूजा

पूजा पाठVat Savitri Vrat 2024: इस बार किस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानिए तिथि और महत्व

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठSaptahik Rashifal (20-26 May 2024): इस सप्ताह मेष, मिथुन और धनु राशिवालों को मौज ही मौज, जानिए सभी राशियों की भविष्यवाणी

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 19 May 2024: आज एकादशी पर इन पांच राशिवालों के लिए बन रहा है धन योग, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

पूजा पाठआज का पंचांग 19 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 18 May 2024: आज आर्थिक फैसले लेते समय बरतें सावधानी, धन खर्च होने की संभावना

पूजा पाठआज का पंचांग 18 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय