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फांसी के बाद उस रस्सी का क्या होता है, क्यों मुंह-मांगी कीमत देकर खरीदते हैं इसे लोग! अजीब हैं इससे जुड़े टोटके और अंधविश्वास

By विनीत कुमार | Updated: March 20, 2020 07:47 IST

निर्भया केस ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया था। इस मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई।

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ठळक मुद्देनिर्भया के दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार यानी आज सुबह दी गई फांसी फांसी के बाद रस्सी का क्या होता है, इससे जुड़े कई अंधविश्वास भी हैं, कई लोग पहले इसे खरीदते थे

निर्भया गैंगरेप को अंजाम देने वाले दोषियों को आखिरकार फांसी दे दी गई। साल 2012 में 16 दिसंबर को हुई रेप की घटना ने तब पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। निर्भया को बचाया नहीं जा सका और फिर न्याय की लड़ाई शुरू हुई। इस केस में कई मोड़ आए। दोषियों ने खुद को फांसी से बचाने के लिए तमाम कानून दाव-पेंच लगाए लेकिन आखिरकार 20 मार्च को सुबह अक्षय, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को फांसी दे दी गई। 

फांसी को लेकर तैयारी पिछले कई दिनों से शुरू हो गई थी। इसके लिए ट्रायल, रस्सियों को बनाने आदि के काम से संबंधित खबरें भी पिछले साल के आखिर में आने लगी थी। वैसे क्या आप जानते हैं कि फांसी के बाद उस रस्सी का क्या किया जाता है, जिससे गुनहगारों को लटकाया जाता है।

यह सुनने या पढ़ने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन इस रस्सी को लेकर कई तरह के अंधविश्वास प्रचलित हैं। हालांकि, आम तौर पर फांसी के बाद उस रस्सी को सुरक्षित किसी बक्से आदि में रख दिया जाता है लेकिन इससे जुड़े कुछ किस्से ऐसे भी हैं जो हैरान करते हैं। 

जब जल्लाद नाटा मल्लिक ने रस्सी के टुकड़े बेचकर की कमाई

साल 2004 में नाटा मल्लिक ने रेप और मर्डर के दोषी धनंजय चटर्जी को फांसी पर लटकाया तो उसने इस रस्सी के टुकड़ों को बेचकर खूब कमाई की थी। उस समय ये अंधविश्वास पश्चिम बंगाल में फैला कि फांसी की रस्सी का लॉकेट बनाकर पहनने से किस्मत पलट जाती है।

मसलन, अगर आपके पास नौकरी नहीं है तो रोजगार मिल जाएगा। अगर कर्ज में डूबे हैं तो छुटकारा मिल जाएगा या फिर अगर व्यापार में घाटा हो रहा है तो भी दिन बदल जाते हैं। नाटा मलिक ने इस अंधविश्वास के बीच जमकर ऐसी रस्सी बेची जो उसके पास पहले से भी उपलब्ध थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तब उसने एक लॉकेट की रस्सी करीब 2000 रुपये तक बेची थी। पुरानी दी गई फांसी की रस्सियां भी उसने 500 रुपये तक में बेची।

ब्रिटेन में ऐसे अंधविश्वास का रहा बोलबाला

रस्सी को लेकर जो अंधविश्वास हैं, वे कहां से शुरू हुए, इस बारे में ठोस जानकारी नहीं है। हालांकि, ऐसे प्रमाण जरूर है कि जिससे पता चलता है कि ब्रिटेन में ऐसी रस्सियों को लेकर पूर्व में कई तरह की मान्यताएं थी। ब्रिटेन में जब फांसी दी जाती थी तो उस रस्सी को जल्लाद को दे दिया जाता था। 

फिर ये बात ब्रिटेन में प्रचलित होती गई कि इस रस्सी का टुकड़ा घर पर रख लिया जाए या उसका लॉकेट पहना जाए तो किस्मत बदल जाती है। ऐसे भी किस्से मिलते हैं कि ब्रिटेन में जल्लाद इन रस्सी के टुकड़ों को तब बेच दिया करते थे और लोग उन्हें खुशी से खरीदते भी थे। हालांकि, अब ब्रिटेन में फांसी पर रोक है।

फांसी की रस्सी और लकड़ी के तख्ते का काले जादू से भी कनेक्शन

दिल्ली के तिहाड़ जेल में अब लोहे के तख्ते लगे हैं। हालांकि, पहले लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल होता था। वर्षों पहले फांसी के तख्तों का भी कुछ लोगों के लिए खास महत्व होता था। कई लोग फांसी तख्ते की लकड़ी की जेल के बाहर मुंह-मांगी कीमत देने को तैयार रहते थे।

कई लोगों की कोशिश रहती थी कि उन्हें फांसी-तख्ते से जुड़ी छोटी से छोटी लकड़ी का हिस्सा भी मिल जाए। कुछ लोग इसका इस्तेमाल जादू-टोना और टोटका आदि में करते हैं। इसलिए फांसी घर में उस समय रखे गये सड़े-गले लकड़ियों की भी पूरी चौकसी की जाती थी।

अजीबोगरीब टोटके और अंधविश्वास

फांसी-तख्त और रस्सियों को लेकर कई टोटके और अंधविश्वास हैरान करने वाले हैं। कुछ लोगों के अनुसारकिसी इंसान के अगर जेल जाने के योग जन्म-कुंडली में लिखे हो तो, उसके हाथ में फांसी के तख्ते की लकड़ी बांधने से उसके जेल जाने की उम्मीद खत्म या फिर कम हो जाती है। 

ऐसे ही किसी इंसान पर अगर अकाल मौत का साया हो या उस पर दुर्घटना का भय हो तो इस लकड़ी को अपने पास रखने से ये डर खत्म होता है। यही नहीं, किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान डरावने सपने आ रहे हों या साया होने का भय है तो ऐसी महिलाओं की समस्या का समाधान भी फांसी की रस्सी और तख्त से हो सकता है। वैसे, सच यही है कि ये सभी अंधविश्वास हैं और उससे ज्यादा कुछ नहीं।

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