Navratri 2020: कब है कन्या पूजन, महाष्टमी, महानवमी, मूर्ति विसर्जन? तारीखों की कन्फ्यूजन करें दूर

By गुणातीत ओझा | Published: October 22, 2020 03:51 PM2020-10-22T15:51:51+5:302020-10-22T15:51:51+5:30

शारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत शनिवार 17 अक्टूबर से सर्वार्थसिद्धि योग में हुई और नवरात्र 25 अक्टूबर तक रहेंगे। शारदीय नवरात्रि की धूम पूरे देश में है।

Navratri 2020: When is Kanya Puja Mahashtami Mahanavami maa durga idol immersion | Navratri 2020: कब है कन्या पूजन, महाष्टमी, महानवमी, मूर्ति विसर्जन? तारीखों की कन्फ्यूजन करें दूर

navratri 2020

Highlightsशारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत शनिवार 17 अक्टूबर से सर्वार्थसिद्धि योग में हुई और नवरात्र 25 अक्टूबर तक रहेंगे।दशहरे के अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन होगा।

शारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत शनिवार 17 अक्टूबर से सर्वार्थसिद्धि योग में हुई और नवरात्र 25 अक्टूबर तक रहेंगे। शारदीय नवरात्रि की धूम पूरे देश में है। माता की भक्ति में लीन भक्तों को अब अष्टमी, नवमी और दशहरा का इंतजार है। इस साल अष्टमी और नवमी तिथि एक साथ पड़ने के कारण लोगों के बीच अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर असमंजस है। इस दिन यानी रविवार को सुबह नवमी और दोपहर से दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस कारण देश में कई जगहों पर इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि पर विजय मुहूर्त में विजयदशमी पर्व मनाया जाता है। शुभ मुहूर्त और तिथि का से संयोग 25 अक्टूबर को ही बन रहा है। दशहरे को अबूझ मुहूर्त माना गया है। यानी इस दिन प्रॉपर्टी, व्हीकल और हर तरह की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। दशहरे के अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन होगा। उस दिन सुबह 06:29 बजे से सुबह 08:43 बजे के मध्य दुर्गा विसर्जन कर देना चाहिए।

अष्टमी 24 और नवमी व दशहरा 25 को
नवरात्र की अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर मतभेद पर पाल ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस बार अष्टमी तिथि शनिवार को पूरे दिन रहने से 24 अक्टूबर को महाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन यानी 25 अक्टूबर का सूर्योदय नवमी तिथि में ही होगा और सुबह करीब 11:14 तक ये तिथि रहेगी। इस तरह शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा, महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को किया जाएगा। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। विजयादशमी पर्व अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से बारहवें मुहूर्त तक होतीहै। इस साल आश्विन महीने के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि रविवार 25 अक्टूबर को सुबह करीब 11:14 तक है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस तिथि में विजय मुहूर्त भी रहेगा।

कन्या पूजन महाष्टमी और महानवमी
शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा, महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को किया जाएगा। महाष्टमी को मां महागौरी और महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जिन घरों में महाष्टमी और महानवमी की पूजा होती है, वहां इस दिन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है और उन्हें गिप्ट बांटे जाते हैं।

विजयादशमी पर ग्रहों की स्थिति
विजयादशमी पर चंद्रमा शाम 4 बजकर 57 मिनट तक मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेगा। इसके अलावा सूर्य तुला राशि में, शुक्र कन्या राशि में, गुरू स्वराशि धनु में, शनि स्वराशि मकर में, बुध अपनी मित्र राशि तुला में वक्री रहेंगे। इसके अलावा मंगल अपनी मित्र राशि मीन में वक्री, केतु वृश्चिक राशि और राहु वृषभ राशि में रहेंगे।

दशहरा का शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारंभ - 25 अक्टूबर को सुबह 7 : 41 मिनट से 
दशमी तिथि समाप्त - 26 अक्टूबर को सुबह 8 : 59 मिनट तक रहेगी

विजय मुहूर्त 
दोपहर  2:05 मिनट से 2:52 मिनट तक 

पूजा का समय
दोपहर 01:11 मिनट से 03 :24 मिनट तक 

रावण दहन शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11: 43 मिनट से दोपहर 12 : 30 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2 : 05 मिनट से दोपहर 2 : 52 मिनट तक।
अमृत काल मुहूर्त- शाम 6 : 44 मिनट से रात 8 : 27 मिनट तक।

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