Margashirsha Amavasya 2023: इस साल की आखिरी अमावस्या है बेहद खास, जानें तारीख और दान-स्नान का समय

By अंजली चौहान | Published: December 1, 2023 12:16 PM2023-12-01T12:16:56+5:302023-12-01T12:17:25+5:30

इस दिन तुलसी के पौधे की जड़ों से स्नान करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।

Margashirsha Amavasya 2023 The last Amavasya of this year is very special know the date and time of donation and bath | Margashirsha Amavasya 2023: इस साल की आखिरी अमावस्या है बेहद खास, जानें तारीख और दान-स्नान का समय

फाइल फोटो

Margashirsha Amavasya 2023: हिंदू धर्म में सभी तिथियों, मुहूर्तों और व्रत-त्योहार का खास महत्व है। साल 2023 का आखिरी महीना दिसंबर आज से शुरू हो गया है लेकिन हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह मार्गशीष महीना चल रहा है। मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 को शुरू हुआ।

मार्गशीर्ष माह के दौरान विशेष रूप से पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पवित्र स्नान करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। अमावस्या के दिन दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों के सम्मान का दिन माना जाता है। 

ऐसा माना जाता है कि इस दिन तर्पण (जल चढ़ाना) और पिंडदान (भोजन चढ़ाना) करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी मुक्ति में आसानी होती है। 2023 में मार्गशीर्ष अमावस्या साल की आखिरी अमावस्या होगी। आइए मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि, शुभ समय और महत्व के बारे में जानें।

मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 

मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इस अमावस्या को भौवतिका कहा जाता है। मंगलवार को पितृ पूजा करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान हनुमान और मंगल देवता की पूजा करने से भी मंगल दोष दूर होता है।

जानें शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को सुबह 6:24 बजे शुरू होगी और 13 दिसंबर 2023 को सुबह 5:01 बजे समाप्त होगी। 

स्नान मुहूर्त - प्रातः 05:14 बजे से प्रातः 06:09 बजे तक

पितृ पूजा- सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक

मार्गशीर्ष अमावस्या क्यों है इतनी खास 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सत युग के दौरान देवताओं ने मार्गशीर्ष माह के पहले दिन वर्ष की शुरुआत की थी। विष्णु पुराण में कहा गया है कि इस अमावस्या पर उपवास, स्नान और दान से पितरों के साथ-साथ ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, पशु, पक्षी और सभी जीवित प्राणियों को संतुष्टि मिलती है।

ऐसा कहा जाता है कि जिस तरह कार्तिक अमावस्या को देवी लक्ष्मी की पूजा करके दिवाली मनाई जाती है उसी तरह मार्गशीर्ष अमावस्या पर देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।

मान्यता है कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष है या जिन्हें संतान प्राप्ति में कठिनाई हो रही है उन्हें मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करना चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त, इस दिन तुलसी के पौधे की जड़ों से स्नान करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है कृपया किसी भी मान्यता के मानने से पहले इसकी पुष्टि विशेषज्ञ द्वारा अवश्य कर लें।) 

Web Title: Margashirsha Amavasya 2023 The last Amavasya of this year is very special know the date and time of donation and bath

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे