जानिए क्यों हिंदू पहनते हैं अलग-अलग रंगों के धागे, ज्योतिष के अनुसार ये है महत्व

By धीरज पाल | Published: March 26, 2018 07:20 AM2018-03-26T07:20:14+5:302018-03-26T07:20:14+5:30

हाथों में कलावा धारण करने की परंपरा वैदिक काल से मानी जाती है। इस अक्सर पूजा के दौरान यह धागा पंडित द्वारा बांधा जाता है।

many colors Thread Wear in Hinduism significance and benefits in hindi | जानिए क्यों हिंदू पहनते हैं अलग-अलग रंगों के धागे, ज्योतिष के अनुसार ये है महत्व

जानिए क्यों हिंदू पहनते हैं अलग-अलग रंगों के धागे, ज्योतिष के अनुसार ये है महत्व

हिन्दू समाज में अक्सर लोग अपने हाथों में काला, लाल, पीले रंग के धागे धारण करते हैं। कोई कमर में बांधता है  तो कई पैर में पहना है। जिन्हें सूत्र से भी जाना जाता है। क्या आपको मालूम है कि इस धागों को शरीर के अंगों पर धारण करने से लाभ होता है। शायद आपको मालूम हो कि हिंदू धर्म में धागों का बड़ा महत्व होता है।

 ये कच्चे धागे कलावा, रक्षा सूत्र, जनेऊ आदि के रूप में आप देख सकते हैं। माना जाता है कि पवित्र सूत्र धारण करने से वे बुरी नजर और बुरी शक्तियों से बचते हैं। इसलिए लोग रंग-बिरंगे धागों को अपनी कलाई, गले, बाजू, कमर के अलावा अन्य अंगों में धारण करते हैं। 

माना जाता है कि सूत्र धारण करने से लोगों के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। कुछ धागे को पहनने से जीवन में सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है।लेकिन हर धागे एक जैसा काम करें ये ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक संभव नहीं है। जैसे कहा जाता है कि काले रंग का धागा बुरी नजरों से बचाता है।  आइए हम आपको बताएंगे कि विभिन्न रंगों के सूत्र पहनने से क्या लाभ होते हैं और उसका महत्व क्या है।  

पीले रंग के सूत्र

शास्त्रों में पीले रंग का संबंध भगवान विष्णु से है। माना जाता है यह रंग व्यक्ति की कलात्मक एवं तार्किक शक्ति का प्रतीक होता है। पीले रंग का धागा पहनने से व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। इतना ही नहीं संवाद शैली में जबरदस्त सुधार देखने को मिलता है। पीले रंग का धागा शादी-विवाह में दुल्हन दूल्हे को बांधकर पति के रूप में स्वीकार करती है।

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केसरिया धागा

ज्योतिष के अनुसार केसरिया या भगवा रंग त्याग, अग्नि और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। यह रंग सूर्य ग्रह से संबंध रखता है। हिन्दू धर्म में इस रंग को बेहद पवित्र रंग माना जाता है। यह साधु संतों का रंग होता है। ख्याति, शक्ति और समृद्धि पाने के लिए लोग केसरिया रंग का सूत्र अपनी कलाई में धारण करते हैं।

काला धागा

काला रंग का संबंध शनि ग्रह से है। काला धागा व्यक्ति को बुरी नजर और भूत प्रेत जैसी बुरी आत्माओं से बचाता है। हिन्दू धर्म में छोटे बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए उनके कमर में पहनाया जाता है। काला धागा मनुष्य के पंच तत्वों को ऊर्जा प्रदान करता है।

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लाल धागा 

हाथों में कलावा धारण करने की परंपरा वैदिक काल से मानी जाती है। इस अक्सर पूजा के दौरान यह धागा पंडित द्वारा बांधा जाता है। इस धागे को रक्षा सूत्र अथवा मौली के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष की मानें तो लाल धागा बहुत शुभ होता है। इस धागे को लोग ईश्वर के आशीर्वाद के रूप में अपने हाथ में पहनते हैं। लोगों का विश्वास है कि कलावा पहनने से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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