Malmas 2019: इस तारिख से लग रहा है मलमास, बंद हो जाएंगे सारे शुभ काम
By मेघना वर्मा | Updated: December 14, 2019 16:18 IST2019-11-19T11:39:27+5:302019-12-14T16:18:08+5:30
Malmas 2019: मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है।

Malmas 2019: इस तारिख से लग रहा है मलमास, बंद हो जाएंगे सारे शुभ काम
हिन्दू धर्म में खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। पंचाग की मानें तो जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीनें को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए काम या शुभ काम नहीं किए जाते हैं।
मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है।
कब से लग रहा है खरमास
ज्योतिषाचार्य की मानें तो दिसंबर 13 से खरमास या अधिकमास शुरू हो जाएगा। इसी दिन से सूर्य बृहस्पति में प्रवेश करेगा। हलांकि अभी बहुत से लोगों के बीच इस बात को लेकर कंफ्यूजन है कि अधिक मान 13 दिसंबर नहीं बल्कि 16 दिसंबर से लग रहा है। जो मकर संक्रांति 2020 यानी 14 जनवरी 2020 तक चलेगा।
12 दिसंबर तक ही है शुभ मुहूर्त
नवंबर से शुरू होने वाले सभी शुभ काम दिसंबर 12 तक ही किए जाएंगे। शादी के मुहूर्त की बात करें तो वह 12 दिंसबर तक ही है। इसके बाद सभी काम 15 जनवरी 2020 से शुरू होंगे। इसीलिए लोगों का मनना है कि 13 दिसंबर से ही खरमास या अधिकमास शुरू हो जाएगा।
खरमास में ना करें ये काम
मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है। मलमास के दौरान, गंगा और गोदावरी के साथ-साथ उत्तर भारत के उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, राज्यों में सभी मांगलिक कार्य व यज्ञ करना निषेध होता है।

