पौष मास के शुक्ल पक्ष की संक्रांति को 'मकर संक्रांति' कहा जाता है। इसदिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसी दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस ग्रहीय परिवर्तन को शुभ माना जाता है। इसलिए शास्त्रों में इसदिन कुछ विशेष कार्यों को करने के लिए कहा जाता है ताकि शुभ फल की प्राप्ति हो। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में:
तिल का उबटनमकर संक्रांति की सुबह शरीर पर तिल के तेल से मालिश करें और तिल का ही उबटन लगाएं। ऐसा करने से सूर्य का शुभ प्रभाव आपके शरीर पर बढ़ता है।
तिल का हवनइसदिन घर या मंदिर में परिवार सहित जाकर तिल के प्रयोग से विधिवत हवन कराएं। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और मां लक्ष्मी की भी कृपा बनती है।
तिल के व्यंजनसंक्रांति से एक दिन पहले या संक्रांति के दिन ही तिल के लड्डू, तिल की बर्फी या ऐसे ही अन्य तिल के प्रयोग से बनने वाले व्यंजन बनाएं। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन इन चीजों को खाने से सूर्य भगवान की कृपा मिलती है।
दान-पुण्य करेंमकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व होता है। इसदिन ब्राह्मणों को विशेष दान-दक्षिणा देना चाहिए। इसके अलावा गाय को हरा चारा खिलाएं। इन कार्यों से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
तिल का दानउपरोक्त बताई गई वस्तुओं के अलावा तिल का भी दान किया जाता है। इसदिन किसी भी पवित्र नदी या बहते जल में मुट्ठी भर तिल बहा दें, मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।