Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति का त्योहार पूरे भारत में कल (15 जननरी, बुधवार) मनाया जाएगा। मकर दरअसल बारह राशियों में से एक हैं जिसके स्वामी शनि ग्रह हैं। ऐसे में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद मकर संक्रांति मनाने की परंपरा है। इस दिन सूर्य धनु राशि छोड़ मकर में प्रवेश करते हैं। इसी दिन सूर्य उत्तरायण भी होते है जिसका काफी महत्व है।
उत्तरायण से दिन की अवधि बढ़ती चली जाती है जबकि रातें छोटी होने लगती है। उत्तरायण को देवताओं का दिन भी कहा गया है। मकर संक्रांति देश के कई राज्यों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान देने की परंपरा है।
साथ ही कई घरों में भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है तो वहीं, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दही-चूड़ा और तिलबा (तिल का लड्डू) खाने की परंपरा है। मकर संक्रांति को ही कई इलाकों में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के दिन ही पोंगल का त्योहार भी मनाया जाता है। वहीं, गुजरात में उत्तरायण पर्व तो असम, मेघालय में इस दिन को माघी बिहू के त्योहार के तौर पर मनाया जाता है।
Makar Sankranti 2020: सूर्य कब कर रहे हैं मकर राशि में प्रवेश और शुभ मुहूर्त
सूर्य का इस बार मकर राशि में प्रवेश आज रात (14 जनवरी) 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है। यही कारण है कि इस बार मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति- 15 जनवरीसंक्रांति काल- 14 जनवरी को रात 2.07 बजे के बादपुण्यकाल- 15 जनवरी को सुबह 7.19 बजे से 12.31 बजे तकमहापुण्य काल- सुबह 07.19 बजे से 09.03 बजे तकसंक्रांति स्नान- 15 जनवरी