धनतेरस के अवसर पर हीरे-मोती और पैसों से सजाया गया महालक्ष्मी मंदिर, भक्तजनों की लगी लंबी कतारें
By राजेश मूणत | Published: October 22, 2022 02:02 PM2022-10-22T14:02:53+5:302022-10-22T14:02:53+5:30
रतलाम स्थित माता महालक्ष्मी के मंदिर की सजावट के लिए स्थानीय भक्तो के अलावा देश के विभिन्न व्यावसायिक शहरों के भक्त भी आते है।
भोपाल: मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के मध्य क्षेत्र में व्यस्ततम व्यावसायिक क्षेत्र माणक चौक में धन की देवी महालक्ष्मी का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की देशभर में विशिष्ट पहचान है। यह मंदिर धनतेरस से लेकर आगे 3 दिन तक इस तरह सजाया जाता है की यह कुबेर के खजाने का दृश्य उपस्थित करता है। श्रद्धालुगण हीरे और मोती से जड़े आभूषणों के साथ देश की मुद्रा से इस मंदिर को सजाकर रखते है।
माता की महिमा को अपरम्पार कहा जाता है। कहा जाता है की माता महालक्ष्मी के चरणो में जो भी श्रद्धालु अपना धन सजावट के लिए अर्पित करता है। उसके वैभव में अभिवृद्धि होती है। मंदिर में माता के दर्शन के लिए सुबह से भक्तजनों की कतारें लगना प्रारंभ हो जाती है। कोर्ट ऑफ वार्ड्स में दर्ज इस मंदिर की देखरेख जिला प्रशासन के हाथों में रहती है। सजावट में अर्पित धन और गहने त्योहार के पश्चात श्रद्धालुओ को वापस लौटा दिए जाते हैं।
रतलाम के इस अति प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर को कुबेर का खजाना के रूप में बदलने के लिए क्षेत्र के व्यवसाई त्योहार के इस व्यस्ततम समय में भी अपनी सेवाएं प्रदान करते है। माता महालक्ष्मी के मंदिर की सजावट के लिए स्थानीय भक्तो के अलावा देश के विभिन्न व्यावसायिक शहरों के भक्त भी आते है। मंदिर में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम जिला प्रशासन करता है। यहां सीसीटीवी केमेरे से निगरानी के साथ पुलिस की व्यवस्था भी रहती है।