हिन्दुओं का महापर्व महाशिवरात्रि जल्द ही दस्तक देने वाला है। बाबा भोलेनाथ का यह उत्सव 4 मार्च को देशभर में मनाया जाएगा। इस दिन नीलकंठ महादेव के भक्त पूरे दिन का व्रत रखते हैं। इस खास दिन शिव जी की पूजा के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव एक लौटा पानी चढ़ाने मात्र से खुश होकर भक्तों की मनोकामना पूरी कर देते हैं।
शिव भक्त अपने घरों में उनकी मूर्ति या प्रतिमा रखते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि शिव की मूर्तियां बहुत ज्यादा आकर्षित होती हैं। आपको बता दें कि जहां भवगान शिव की कुछ मूर्तियों को घर में रखना शुभ माना जाता है, वहीं कुछ मुर्तियां घर के लिए अशुभ भी मानी जाती हैं।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की कुछ मूर्तियों को घर में रखने से घर का वास्तु खराब होता है। पंडित दिवाकर आपको बता रहे हैं कि महाशिवरात्रि का पर्व आने से पहले आपको इस तरह की मूर्तियों को हटा लेना चाहिए और कभी भी घर में नहीं रखना चाहिए।
1) वास्तुशास्त्र के अनुसार, भगवान शिव के भैरव रूप की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए क्योंकि तांत्रिक क्रियाओं के लिए भैरव की आराधना की जाती है और ये शिव का तामसिक रूप है।
2) भगवान शिव के नटराज स्वरूप की प्रतिमा या मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए। ये मूर्ति शिव के तांडव का प्रतीक है, जो सृष्टि के विनाश के लिए किया गया था, इसी वजह से इसके घर में होने से घर का वास्तु खराब हो जाता है।
3) वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर में शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह शून्य और वैराग्य का सिम्बल है। अगर आप शिवलिंग रखना चाहते हैं, तो अंगूठे के आकार का शिवलिंग ही रख सकते हैं।