Magh Purnima 2020: हिंदू शास्त्रों में माघ माह का बहुत महत्व है। इस पूरे माह में पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान देने की परंपरा है। इस माह के आखिरी दिन को माघ पूर्णिमा कहा गया है। माघ माह की अमावस्या (मौनी अमावस्या) की तरह माघ पूर्णिमा तिथि को भी बहुत पुण्यदायी कहा गया है।
मान्यता है कि इस मौके पर देवता धरती पर आते हैं और पवित्र संगम में रूप बदलकर स्नान करते हैं। इस बार माघ पूर्णिमा 9 फरवरी (रविवार) को है।
इसके बाद हिंदी कैलेंडर के हिसाब से साल के आखिर माह फाल्गुन की शुरुआत हो जाएगी। माघ के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 फरवरी को ही शाम 4.01 बजे से हो रही है। इसका समापन 9 फरवरी को दोपहर 1.02 बजे हो रहा है। इसलिए सूर्योदय के लिहाज से माघ पूर्णिमा का व्रत 9 फरवरी को ही किया जाएगा।
यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए कुछ खास बातों का जरूर ख्याल रखा जाना चाहिए। कुछ ऐसे कार्य हैं, जिसे माघ पूर्णिमा के दिन नहीं किया जाए तो बेहतर होगा। आईए जानते हैं इस बारे में...
1. इस दिन अपने घर को जरूर साफ रखें। किसी भी प्रकार की गंदगी घर में नहीं हो। इस बात का ध्यान रखें। खासकर पूजा स्थल पर साफ-सफाई रहनी बहुत जरूरी है।
2. माघ पूर्णिमा के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। इस दिन सूर्योदय से पहले उठे और पवित्र नदी में स्नान करें। अगर नदी की ओर से जाना संभव नहीं है तो घर में भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करें।
3. माघ पूर्णिमा पर बाल, नाखून आदि नहीं काटने चाहिए। शेविंग करने से भी बचें। पूरे दिन ऐसा करना वर्जित होता है।
4. माघ पूर्णिमा पर काले वस्त्र धारण नहीं करें। ये अशुभ है। पीले, उजले या अन्य रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।
5. इस दिन किसी को भी भला-बुरा नहीं करें। नाराजगी को खुद से दूर रखें। घर में भी किसी प्रकार का कलह नहीं करें अन्यथा शांति भंग हो सकती है।
6. इस दिन घर के बड़े-बुजुर्गों का भी अपमान नहीं करें। इससे पितरों की नाराजगी आपको झेलनी पड़ सकती है।
7. माघ पूर्णिमा का दिन पूजा-पाठ और ध्यान का होता है। इसलिए इस दिन संभोग करने से बचें। मन को सात्विक चीजों में लगाएं।